Up Kiran, Digital Desk: मशहूर फिल्म अभिनेत्री दीपिका पादुकोण ने हाल ही में एक अहम मुद्दे को उठाया है, जिसे लेकर बॉलीवुड और फिल्म इंडस्ट्री में चर्चा का माहौल है। दीपिका ने अपने कामकाजी घंटों को लेकर आवाज उठाई और यह मांग की कि फिल्म इंडस्ट्री में महिलाओं के लिए भी आठ घंटे की शिफ्ट होनी चाहिए। उनका कहना है कि अगर पुरुष अभिनेता आठ घंटे की शिफ्ट में काम कर सकते हैं, तो महिलाएं भी इस अधिकार की हकदार हैं। दीपिका की यह मांग कई लोगों को बेमानी लग सकती है, लेकिन उनके तर्क में एक गहरी सच्चाई है।
समानता का अधिकार
दीपिका पादुकोण की मांग महज एक व्यक्तिगत इच्छा नहीं, बल्कि एक सामाजिक बदलाव का प्रतीक है। समाज में महिलाओं की जिम्मेदारियों का बोझ इतना अधिक होता है कि वह न सिर्फ कामकाजी जीवन में, बल्कि घर और बच्चों के पालन-पोषण में भी समर्पित रहती हैं। इसके चलते महिलाओं की शारीरिक और मानसिक सेहत पर गहरा प्रभाव पड़ता है। ऐसे में कामकाजी घंटों को लेकर एक समानता की मांग करना, महिलाओं के लिए एक न्यायपूर्ण कदम हो सकता है।
काम के घंटों की पुनर्रचना
दीपिका की इस मांग का एक और पहलू यह है कि कामकाजी घंटे की योजना बनाते समय महिलाओं को मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर ध्यान देना चाहिए। यह सच है कि महिलाओं के पास घर और दफ्तर की जिम्मेदारी होती है, जो उनका समय और ऊर्जा दोनों चुराती है। इसलिए, काम के घंटों की रचनात्मक पुनर्रचना से उन्हें अपने काम और व्यक्तिगत जीवन में संतुलन बनाए रखने का अवसर मिलेगा।
समय का प्रबंधन
महिलाओं के लिए दिन की शुरुआत सही तरीके से करना बेहद महत्वपूर्ण है। एक सफल दिन के लिए रात में पूर्व-तैयारी की आवश्यकता होती है। इसे 'रिवर्स-शेड्यूलिंग' कहा जाता है, जिसमें अगले दिन की तैयारी पहले से कर ली जाती है। सुबह के नाश्ते, लंच की तैयारी और घर की सफाई जैसी छोटी चीजों को रात को ही पूरा कर लेना सुबह की दौड़ से बचने में मदद करता है। इस तरह से समय का सही प्रबंधन किया जा सकता है।
ध्यान केंद्रित करें
काम के दौरान ध्यान भटकना बहुत सामान्य है, विशेष रूप से ईमेल चेक करना और सोशल मीडिया की जांच करना। इसलिए यह सलाह दी जाती है कि सुबह के पहले घंटे में सबसे जरूरी कार्यों को निपटाया जाए। यदि कोई कार्य दो मिनट से कम समय में किया जा सकता है, तो उसे तुरंत पूरा कर लेना चाहिए। इससे बाद में काम का दबाव कम होता है और समय की बचत होती है।
प्रभावी समय प्रबंधन
काम को कल पर टालना न सिर्फ वक्त की बर्बादी है, बल्कि यह आपके प्रोडक्टिविटी को भी प्रभावित करता है। यदि कोई कार्य आसानी से और जल्दी किया जा सकता है, तो उसे तुरंत कर लेना चाहिए। इससे न केवल आपका समय बचेगा, बल्कि दूसरों का भी समय बचेगा। ऑफिस में अनावश्यक चर्चाओं और समय की बर्बादी से बचने का प्रयास करें।
सोशल मीडिया और नोटिफिकेशन्स से बचें
काम के दौरान ईमेल और सोशल मीडिया के नोटिफिकेशन बहुत अधिक ध्यान भटकाते हैं। इसलिए काम करते वक्त इन नोटिफिकेशन्स को म्यूट कर देना चाहिए। आप अपने काम के बीच-बीच में ब्रेक लेकर सोशल मीडिया और ईमेल चेक कर सकते हैं, ताकि आपका ध्यान भटके नहीं।
कैलेंडर का इस्तेमाल
कभी-कभी बहुत ज्यादा काम के दबाव में महत्वपूर्ण चीजें याद नहीं रहती हैं। इससे बचने के लिए एक व्यवस्थित कैलेंडर का उपयोग करें, जिसमें आपके सभी कार्यों और मीटिंग्स का ब्योरा दर्ज हो। इस कैलेंडर की मदद से आप कार्यों को प्राथमिकता दे सकते हैं और बेवजह की मीटिंग्स से बच सकते हैं, जिससे आपके पास बाकी के कार्यों के लिए समय बच जाएगा।
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