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Up Kiran, Digital Desk: 2025 के आईसीसी महिला वनडे वर्ल्ड कप में भारतीय ऑलराउंडर दीप्ति शर्मा ने अपनी गेंदबाजी से इतिहास रच दिया। उनकी कड़ी मेहनत और शानदार प्रदर्शन ने उन्हें भारत की शीर्ष महिला गेंदबाजों की सूची में दूसरा स्थान दिला दिया है। दीप्ति ने वर्ल्ड कप में अब तक 23 मैचों में 36 विकेट झटके हैं, और उनके पास अब सिर्फ 8 विकेट और चाहिए हैं झूलन गोस्वामी का रिकॉर्ड तोड़ने के लिए।

झूलन गोस्वामी का स्थायी प्रभाव

महिला वनडे वर्ल्ड कप में भारतीय क्रिकेट की सबसे बड़ी गेंदबाजों में से एक, झूलन गोस्वामी का रिकॉर्ड किसी भी अन्य के लिए एक बड़ी चुनौती बन चुका है। झूलन ने 34 मैचों में 43 विकेट लेकर न केवल अपनी टीम का अहम हिस्सा बनने का काम किया, बल्कि पूरे वर्ल्ड कप इतिहास में भी खुद को एक आदर्श के रूप में स्थापित किया। उनका एक मैच में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 4/16 रहा था, और उन्होंने 2022 में अपने अंतरराष्ट्रीय करियर को अलविदा कहा।

दीप्ति शर्मा का ऐतिहासिक वर्ल्ड कप प्रदर्शन

2025 वर्ल्ड कप में दीप्ति ने गेंदबाजी के साथ-साथ बल्लेबाजी में भी अपनी अहमियत साबित की। उन्होंने इस टूर्नामेंट में 9 मैचों में सबसे ज्यादा 22 विकेट लिए और प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट का खिताब भी जीता। इसके अलावा, उन्होंने 215 रन भी बनाए, जिनमें फाइनल में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ शानदार अर्धशतक और गेंदबाजी में 5 विकेट (5/39) शामिल थे। भारत ने इस फाइनल में 52 रनों से जीत दर्ज की, जिससे महिला क्रिकेट की दुनिया में एक ऐतिहासिक पल आया। यह पहली बार था जब भारतीय महिला टीम ने आईसीसी ट्रॉफी जीती थी।

पूर्व क्रिकेटर्स का योगदान

भारत की पूर्व कप्तान डायना एडुल्जी का भी महिला वनडे वर्ल्ड कप में महत्वपूर्ण योगदान रहा है। उन्होंने 22 मैचों में 31 विकेट लेकर टीम की सफलता में अहम भूमिका निभाई। उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 4/12 का था, और वे 1976 से 1993 तक भारतीय क्रिकेट टीम का हिस्सा रहीं।

नीतू डेविड और पूर्णिमा राउ का योगदान

भारत की पूर्व स्पिनर नीतू डेविड ने भी महिला वर्ल्ड कप में अपनी छाप छोड़ी। उन्होंने 20 मैचों में 30 विकेट झटके, जिनमें उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 32 रन देकर 5 विकेट था। 2008 में उन्होंने अपना आखिरी अंतरराष्ट्रीय मैच खेला। नीतू को पिछले साल आईसीसी हॉल ऑफ फेम में शामिल किया गया, जो उनके अद्वितीय योगदान को दर्शाता है।

पूर्णिमा राउ ने भी वर्ल्ड कप में शानदार गेंदबाजी की और 19 मैचों में 30 विकेट लेकर टीम के लिए महत्वपूर्ण योगदान दिया। उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 4/26 था। वे 1995 से 2000 तक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में सक्रिय रही थीं।