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गुजरात से एक अनोखा मामला सामने आया है, जहां एक महिला की शादी का ब्लाउज समय पर सिलकर न देना एक दर्जी को महंगा पड़ गया। वडोदरा की एक कंज्यूमर कोर्ट ने दर्जी पर 7,000 रुपये का जुर्माना लगाया है क्योंकि उसकी लापरवाही की वजह से दुल्हन को अपनी शादी में परेशानी उठानी पड़ी।

क्या है पूरा मामला: यह मामला वडोदरा की रहने वाली अवनी बेन ठक्कर का है। उन्होंने अपनी शादी के लिए एक दर्जी, भावेशभाई टेलर को तीन ब्लाउज सिलने के लिए दिए थे, जिनकी कुल सिलाई 1,400 रुपये थी। शादी का फंक्शन 2 दिसंबर को था, और दर्जी ने वादा किया था कि वह समय पर ब्लाउज दे देगा।

अवनी का आरोप है कि दर्जी लगातार बहाने बनाता रहा और डिलीवरी में देरी करता रहा। जब शादी का दिन आ गया और ब्लाउज नहीं मिला, तो परिवार को आखिरी समय में बाज़ार से एक रेडीमेड ब्लाउज खरीदना पड़ा, जिस पर उन्हें 1,000 रुपये अतिरिक्त खर्च करने पड़े। इस वजह से उन्हें न केवल मानसिक तनाव हुआ, बल्कि फंक्शन में भी देर हुई।

इसके बाद अवनी ने मामले को कंज्यूमर कोर्ट में ले जाने का फैसला किया। सुनवाई के दौरान, दर्जी ने अपनी गलती मानने की बजाय यह दावा किया कि उसने ब्लाउज समय पर तैयार कर दिए थे, लेकिन महिला खुद ही उन्हें लेने नहीं आई। हालांकि, वह इस बात का कोई सबूत पेश नहीं कर सका।

कोर्ट ने दर्जी को सेवा में कमी का दोषी पाया और उसकी दलीलों को खारिज कर दिया। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि दर्जी ने न केवल समय बर्बाद किया बल्कि दुल्हन को मानसिक पीड़ा भी दी। इसलिए, कोर्ट ने उसे 12% ब्याज के साथ सिलाई के 1,400 रुपये लौटाने और मानसिक परेशानी के हर्जाने के तौर पर 7,000 रुपये चुकाने का आदेश दिया।