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Up Kiran, Digital Desk: "मेरी कप्तानी में ऐसा ही होगा इसकी आदत डाल लो!" - 24 मार्च को आईपीएल में दिल्ली कैपिटल्स के पहले ही मुकाबले में जीत के बाद कप्तान अक्षर पटेल ने बड़े गर्व से यह बात कही थी। उस दिन लखनऊ सुपर जायंट्स के 210 रन के विशाल लक्ष्य का पीछा करते हुए दिल्ली ने 3 गेंद और 1 विकेट बाकी रहते शानदार जीत दर्ज की थी। इसके बाद तो जैसे दिल्ली कैपिटल्स ने जीत की हैट्रिक लगाई और लगातार 3 और मैच जीते जिससे वो पॉइंट्स टेबल पर टॉप पर जा बैठी।
पर कहते हैं कि क्रिकेट अनिश्चितताओं का खेल है। दिल्ली कैपिटल्स के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ। अब वो आईपीएल इतिहास की पहली ऐसी टीम बन चुकी है जिसने शुरुआती 4 मुकाबले जीतने के बाद भी प्लेऑफ से बाहर होना पड़ा है। वाकई यह एक ऐसी कहानी है जो क्रिकेट प्रेमियों को झकझोर देगी!
'वर्चुअल क्वार्टर फाइनल' और दिल्ली का सपना टूटा
बुधवार 21 मई को वानखेड़े स्टेडियम में दिल्ली कैपिटल्स और मुंबई इंडियंस के बीच एक बेहद ही महत्वपूर्ण मुकाबला खेला गया। यह मैच सिर्फ एक लीग मैच नहीं बल्कि एक 'वर्चुअल क्वार्टर फाइनल' था जैसा कि दिल्ली कैपिटल्स के सह-मालिक पार्थ जिंदल ने कहा था। प्लेऑफ की चौथी और इकलौती बची सीट के लिए दोनों ही टीमों को इस मैच में जीत दर्ज करना बेहद ज़रूरी था।
शुरुआती 4 जीत के बाद भी क्यों रह गई दिल्ली
दिल्ली ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाज़ी करने का फैसला किया। मुंबई इंडियंस ने सूर्यकुमार यादव के धुआंधार 73 रन और नमन धीर के सिर्फ 8 गेंदों में बनाए गए नाबाद 24 रनों की बदौलत 20 ओवर में 5 विकेट के नुकसान पर 180 रन का सम्मानजनक स्कोर खड़ा किया। लक्ष्य का पीछा करने उतरी दिल्ली कैपिटल्स की पूरी टीम 19वें ओवर में सिर्फ 121 रन पर ढेर हो गई। मुंबई इंडियंस ने 59 रनों से यह मैच जीतकर धमाकेदार अंदाज़ में प्लेऑफ में अपनी जगह बना ली।
और इसी के साथ दिल्ली कैपिटल्स का प्लेऑफ में पहुंचने का सपना और कप्तान अक्षर पटेल का वो बुलंद ऐलान कि 'अब ऐसा ही होगा इसकी आदत डाल लो' रेत की इमारत की तरह ढह गया।
दिल्ली कैपिटल्स के नाम एक अनचाहा रिकॉर्ड
दिलचस्प बात यह है कि दिल्ली कैपिटल्स को इस सीज़न में अपनी पहली हार अपने पांचवें मैच में मुंबई इंडियंस से ही मिली थी जो 13 अप्रैल को खेला गया था। हालांकि उस हार के बाद टीम ने अगले ही मैच में राजस्थान रॉयल्स को सुपर ओवर में हराकर शानदार वापसी की थी। लेकिन अंततः यह सीज़न दिल्ली के लिए निराशाजनक ही रहा।
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