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Up Kiran, Digital Desk: दिल्ली उच्च न्यायालय ने तुर्की की प्रमुख ग्राउंड हैंडलिंग फर्म सेलेबी एविएशन की याचिका को खारिज कर दिया है। यह याचिका उसकी सुरक्षा मंजूरी रद्द करने के केंद्र सरकार के फैसले के खिलाफ दायर की गई थी। इस फैसले का मतलब है कि सेलेबी एविएशन अब भारतीय हवाई अड्डों पर अपनी ग्राउंड हैंडलिंग सेवाएं जारी नहीं रख पाएगी।

पूरा मामला क्या है?
केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े गंभीर मसलों का हवाला देते हुए सेलेबी की सुरक्षा मंजूरी वापस ले ली थी। सुरक्षा मंजूरी किसी भी विदेशी कंपनी के लिए भारतीय हवाई अड्डों जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में काम करने के लिए अनिवार्य होती है। सरकार का यह कदम ऐसे समय में आया था जब भारत और तुर्की के बीच विभिन्न भू-राजनीतिक मुद्दों को लेकर संबंधों में कुछ तनाव देखा गया था।

सेलेबी एविएशन ने गृह मंत्रालय (MHA) के इस कदम को दिल्ली उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी। कंपनी का तर्क था कि सरकार का फैसला मनमाना है और इसके पीछे कोई ठोस या उचित कारण नहीं बताया गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि उनकी सुरक्षा मंजूरी रद्द करना एकतरफा कार्रवाई है और इससे उनके व्यवसाय पर भारी असर पड़ेगा।

उच्च न्यायालय का फैसला:
हालांकि, उच्च न्यायालय ने राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित मामलों में अदालती हस्तक्षेप की सीमित गुंजाइश को दोहराया और सरकार के फैसले को बरकरार रखा। अदालत ने माना कि ऐसे मामलों में सरकार के पास व्यापक विवेकाधिकार होता है और न्यायिक समीक्षा का दायरा संकीर्ण होता है। इसका मतलब है कि जब बात राष्ट्रीय सुरक्षा की आती है, तो सरकार के फैसलों को आसानी से चुनौती नहीं दी जा सकती।

यह फैसला सेलेबी एविएशन के लिए एक बड़ा झटका है, क्योंकि यह उसके भारत में संचालन के भविष्य पर गंभीर सवाल खड़े करता है। यह घटना भारतीय विमानन क्षेत्र में सुरक्षा मंजूरी और विदेशी निवेश से संबंधित नियमों की संवेदनशीलता को भी उजागर करती है।

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