Up Kiran, Digital Desk: दिल्ली के ऐतिहासिक लाल किले के पास 10 नवंबर को हुए विस्फोट में 13 लोग मारे गए और 20 से अधिक लोग घायल हो गए थे। इस विस्फोट ने राजधानी के सुरक्षा तंत्र को हिला कर रख दिया है, और अब जांच एजेंसियों के सामने एक चौंकाने वाली साजिश का पर्दाफाश हो रहा है। सूत्रों के अनुसार, इस आतंकी हमले के पीछे पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (JeM) का हाथ हो सकता है, जो भारत में फिदायीन (आत्मघाती) हमलों के लिए धन जुटाने में सक्रिय है।
जैश-ए-मोहम्मद की डिजिटल फंडिंग की साजिश!
आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने भारत में हमलों को अंजाम देने के लिए एक बड़ी फंडिंग व्यवस्था बनाई थी, जो सीमा पार से चल रही है। जांच में यह सामने आया है कि जैश-ए-मोहम्मद पाकिस्तान के डिजिटल प्लेटफार्मों का उपयोग करके अपने नेटवर्क को धन भेज रहा था। विशेष रूप से, ऐप्स जैसे 'सदापे' और अन्य पाकिस्तानी ई-वॉलेट सेवाएं आतंकवादियों तक पैसा पहुंचाने का काम कर रही थीं, जिससे उन्हें त्वरित और गुप्त तरीके से फंड मिल रहा था।
अब जांचकर्ता इस डिजिटल हवाला नेटवर्क की कड़ी निगरानी कर रहे हैं, और यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि किस प्रकार से ये नेटवर्क पाकिस्तान से भारत में आतंकवादियों तक पैसा पहुंचा रहा था। इसके अलावा, सुरक्षा एजेंसियों को यह भी शक है कि इस साजिश में कुछ महिलाएं भी शामिल हो सकती हैं, जो आतंकवादी गतिविधियों में मदद कर रही थीं।
लाल किले के पास विस्फोट: आतंकवादी घटना का संकेत
दिल्ली के लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास खड़ी एक हुंडई i20 कार में जबरदस्त विस्फोट हुआ था। इस धमाके ने इलाके में कोहराम मचा दिया, और आसपास की कई गाड़ियों में आग लग गई। विस्फोट की तीव्रता इतनी थी कि आसपास के इलाकों में भी हड़कंप मच गया। पुलिस और अग्निशमन दल ने तुरंत घटना स्थल पर पहुंचकर आग पर काबू पाया और घायलों को अस्पताल भेजा।
भारत सरकार ने इस विस्फोट को आतंकवादी घटना करार दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस हमले की कड़ी निंदा करते हुए अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे किसी भी प्रकार की ढिलाई के बिना जांच को पूरा करें और दोषियों को शीघ्र सजा दिलवाने का हर संभव प्रयास करें। उन्होंने कहा कि "देश की सुरक्षा से खिलवाड़ करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।"
जांच एजेंसियों की सक्रियता और आगे की कार्रवाई
दिल्ली विस्फोट की जांच में जुटी एजेंसियों ने कई महत्वपूर्ण सुराग पाए हैं, जिनसे यह स्पष्ट हो रहा है कि पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन इस हमले में शामिल हो सकते हैं। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने भी मामले को गंभीरता से लिया है और जांच एजेंसियों को निर्देश दिए हैं कि वे इस मामले की तह तक जाएं और साजिश के सभी पहलुओं की जांच करें।




