img

Up Kiran, Digital Desk: अगर आपसे पूछा जाए कि बच्चों के लिए बेहतर प्री-स्कूल (प्ले-स्कूल) कौन से हैं - सरकारी या प्राइवेट? तो शायद आपका जवाब भी 'प्राइवेट' ही होगा। महंगी फीस, चमकती इमारतें और फैंसी नामों की वजह से ज़्यादातर लोग यही मानते हैं कि प्राइवेट स्कूल ही बेहतर होते हैं। लेकिन दिल्ली में हुई एक हालिया स्टडी आपकी इस सोच को पूरी तरह से बदल सकती है।

जामिया मिल्लिया इस्लामिया की एक स्टडी में सामने आया है कि दिल्ली के सरकारी प्री-स्कूल क्वालिटी के मामले में महंगे प्राइवेट स्कूलों से कहीं बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं।यह स्टडी दिल्ली के 15 सरकारी, 15 प्राइवेट और 15 आंगनवाड़ी केंद्रों पर की गई और इसके नतीजे वाकई चौंकाने वाले हैं।

किन मामलों में सरकारी स्कूल निकले आगे: इस स्टडी में स्कूलों को 6 मुख्य पैमानों पर परखा गया, जिनमें शामिल थे:

इन 6 पैमानों में से ज़्यादातर पर सरकारी स्कूलों ने प्राइवेट स्कूलों को पीछे छोड़ दिया।

इंफ्रास्ट्रक्चर में सरकारी स्कूल बेस्ट: बात जब स्कूल की बिल्डिंग और सुविधाओं की आई, तो 15 में से 13 सरकारी स्कूलों को "अच्छा" माना गया, जबकि प्राइवेट स्कूलों में यह आंकड़ा सिर्फ 8 का था।रिपोर्ट के अनुसार, ज़्यादातर सरकारी प्री-स्कूल सर्वोदय विद्यालयों से जुड़े हैं, जिस वजह से उन्हें बेहतर बिल्डिंग और संसाधन मिल पाते हैं। वहीं, कई आंगनवाड़ी किराए की छोटी जगहों पर चलने की वजह से इस मामले में सबसे पीछे रह गईं।

ओवरऑल क्वालिटी में भी मारी बाजी: जब सभी 6 पैमानों के नतीजों को मिलाकर देखा गया, तो भी सरकारी स्कूल ही सबसे आगे रहे। आधे से ज़्यादा सरकारी स्कूलों को ओवरऑल क्वालिटी के मामले में "अच्छा" दर्जा दिया गया, जबकि प्राइवेट स्कूल दूसरे नंबर पर और आंगनवाड़ी केंद्र "औसत" कैटेगरी में रहे।

यह स्टडी इस आम धारणा को तोड़ती है कि सिर्फ महंगा होना ही अच्छी शिक्षा की गारंटी है। यह दिखाती है कि अगर सही तरीके से ध्यान दिया जाए, तो सरकारी स्कूल भी बच्चों को एक बेहतरीन शुरुआती शिक्षा दे सकते हैं।