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Up Kiran, Digital Desk: अगर आप दिल्ली में रहते हैं, तो आपने अक्सर रात में गली-मोहल्लों में खराब पड़ी या टिमटिमाती हुई स्ट्रीटलाइटें जरूर देखी होंगी। इससे न केवल अंधेरे में आने-जाने में परेशानी होती है, बल्कि सुरक्षा का भी एक बड़ा खतरा बना रहता है। लेकिन अब यह सब बदलने वाला है। दिल्ली नगर निगम (MCD) ने एक बहुत बड़ा और महत्वपूर्ण फैसला लिया है, जिससे राजधानी की सड़कें पहले से कहीं ज्यादा रोशन और सुरक्षित हो जाएंगी।

MCD ने दिल्ली की सड़कों पर लगी पुरानी सोडियम लाइटों को पूरी तरह से हटाने और उनकी जगह 6 लाख नई स्मार्ट LED लाइटें लगाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।

क्या है यह योजना और क्यों हैं ये लाइट्स 'स्मार्ट'?

यह सिर्फ पुराने पीले बल्बों को बदलकर नए सफेद बल्ब लगाना नहीं है। यह पूरी व्यवस्था को आधुनिक बनाने का एक मिशन है। ये नई LED लाइटें 'स्मार्ट' हैं, क्योंकि:

सेंट्रल कंट्रोल: इन सभी 6 लाख लाइटों को एक सेंट्रल कमांड एंड कंट्रोल सेंटर से जोड़ा जाएगा। इसका मतलब है कि एक ही जगह से यह पता चल जाएगा कि कौन सी लाइट खराब है, कौन सी जल रही है और कौन सी बंद है।

ऑटोमैटिक सिस्टम: इन्हें जलाने या बुझाने के लिए किसी को स्विच दबाने की जरूरत नहीं होगी। ये ऑटोमैटिक तरीके से सूरज ढलते ही जल जाएंगी और सुबह होते ही बंद हो जाएंगी।

तुरंत शिकायत और समाधान: अगर कोई लाइट खराब होती है, तो कंट्रोल रूम में तुरंत अलर्ट पहुंच जाएगा और उसे ठीक करने के लिए टीम भेज दी जाएगी। इससे महीनों तक लाइट खराब रहने की समस्या खत्म हो जाएगी।

ऊर्जा की बचत: LED लाइटें पुरानी सोडियम लाइटों की तुलना में 50-60% तक कम बिजली की खपत करती हैं। इससे MCD को हर साल बिजली बिल में करोड़ों रुपये की बचत होगी।

कब तक पूरा होगा काम: यह महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट पहले ही शुरू हो चुका है और MCD का लक्ष्य इसे मार्च 2026 तक पूरा करने का है। इस प्रोजेक्ट की कुल लागत करीब 764.76 करोड़ रुपये है।

यह कदम दिल्ली को एक आधुनिक और स्मार्ट सिटी बनाने की दिशा में एक बड़ा मील का पत्थर है। इससे न केवल रात में शहर की खूबसूरती बढ़ेगी, बल्कि यह महिलाओं और सभी नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में भी एक अहम भूमिका निभाएगा।