
Up Kiran, Digital Desk: भारतीय नौसेना ने हाल ही में इंडोनेशिया गणराज्य में एक महत्वपूर्ण यात्रा के माध्यम से अपनी 'समुद्री कूटनीति' का प्रदर्शन किया है, जिसका उद्देश्य द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करना और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति तथा स्थिरता को बढ़ावा देना है। यह पहल भारत की 'एक्ट ईस्ट' नीति और 'सागर' (क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास) के व्यापक दृष्टिकोण के अनुरूप है।
भारत का स्वदेशी रूप से निर्मित ऑफशोर पेट्रोल वेसल (OPV) आईएनएस सुमेधा, रविवार को इंडोनेशिया के बांडुंग बंदरगाह पर पहुंचा। यह यात्रा केवल एक नियमित पोर्ट कॉल नहीं थी, बल्कि दोनों देशों के बीच गहरे सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और रणनीतिक संबंधों का एक प्रतीक थी। भारतीय नौसेना, एक जिम्मेदार समुद्री शक्ति के रूप में, इस क्षेत्र में विश्वास निर्माण और साझा चुनौतियों से निपटने के लिए सहयोग बढ़ाने में सक्रिय भूमिका निभा रही है।
आईएनएस सुमेधा के दौरे का मुख्य जोर दोनों नौसेनाओं के बीच पेशेवर आदान-प्रदान, सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करना और अंतरसंचालनीयता को बढ़ाना था। इंडोनेशियाई नौसेना के अधिकारियों के साथ विस्तृत चर्चाएं हुईं, जिनमें समुद्री सुरक्षा चुनौतियों जैसे समुद्री डकैती, अवैध मछली पकड़ने और प्राकृतिक आपदाओं के लिए समन्वित प्रतिक्रिया पर विचार-विमर्श किया गया। ऐसे संयुक्त अभ्यास और ज्ञान साझाकरण भविष्य में अधिक प्रभावी सहयोग का मार्ग प्रशस्त करते हैं।
रक्षा मंत्रालय ने पुष्टि की है कि यह यात्रा 'सागर' के भारत के दृष्टिकोण के साथ पूरी तरह से संरेखित है, जो एक सुरक्षित और स्थिर हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। इस पहल से समुद्री डोमेन जागरूकता में सुधार होगा और दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी गहरी होगी, जो एक मुक्त, खुले और नियम-आधारित समुद्री व्यवस्था को बनाए रखने के लिए आवश्यक है।
आईएनएस सुमेधा की बांडुंग यात्रा, भारत और इंडोनेशिया के बीच बढ़ते रक्षा और रणनीतिक सहयोग में एक महत्वपूर्ण अध्याय जोड़ती है। यह दिखाता है कि कैसे समुद्री कूटनीति क्षेत्रीय सुरक्षा को मजबूत करने और समान विचारधारा वाले देशों के बीच गहरे संबंध बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। यह भविष्य में समुद्री सुरक्षा और स्थिरता के लिए दोनों देशों के साझा प्रयासों को और मजबूत करेगा।
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