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Up Kiran, Digital Desk: बिहार में शराबबंदी लागू है मगर इसका मतलब यह कतई नहीं कि यहां शराब की खरीद-फरोख्त बंद हो गई है। सच तो यह है कि कई जगहों पर शराब का अवैध कारोबार अब भी अपने तेवरों से जारी है। ऐसे में पुलिस की जिम्मेदारी बनती है कि वह इस अवैध गतिविधि पर पूरी तरह लगाम लगाए। मगर बिहार के बेगूसराय जिले से सामने आई ताजा खबर में पुलिस की भूमिका पर सवाल खड़े हो गए हैं जहां खुद पुलिसकर्मी शराब सप्लाई में शामिल पाए गए।
पुलिस बन गई शराब सप्लायर
बेगूसराय में टाइगर मोबाइल पुलिस के तीन जवान शराब के कारोबार में संलिप्त पाए गए हैं। डीएसपी कुंदन कुमार के नेतृत्व में हुई जांच में यह खुलासा हुआ कि पुलिसकर्मी न केवल शराब की तस्करी को अंजाम देने वालों से सांठगांठ रखते थे बल्कि शराब की खरीद-फरोख्त में भी सीधे जुड़े हुए थे। इनके अलावा चार अन्य शराब कारोबारियों को भी गिरफ्तार किया गया जिनके कब्जे से बड़ी मात्रा में अंग्रेजी शराब बरामद हुई है।
कैसे हुई गिरफ्तारी
बेगूसराय के बखरी थाना क्षेत्र के गोरियारी इलाके में एक पिकअप वाहन शराब से लदा हुआ था जिसकी सूचना पुलिस को मिली। जब पुलिस मौके पर पहुंची तो देखा कि पिकअप के आसपास टाइगर मोबाइल पुलिस के जवान भी मौजूद थे। इस संदिग्ध स्थिति को देखते हुए पुलिस ने सभी टाइगर मोबाइल कर्मियों को थाना ले जाकर पूछताछ की।
इस पूछताछ के बाद टाइगर मोबाइल पुलिस के तीन जवानों के अलावा चार शराब कारोबारियों को गिरफ्तार किया गया। इन अभियुक्तों के पास से कुल 25 लीटर अंग्रेजी शराब 17500 रुपए और 8 मोबाइल फोन बरामद हुए।
पुलिसकर्मियों की मिलीभगत ने खोला बड़ा राज
गिरफ्तार शराब कारोबारियों ने बयान दिया कि उनकी बातचीत और लेन-देन टाइगर मोबाइल पुलिस के जवानों के साथ होती थी। यह खुलासा बिहार की शराबबंदी को लेकर पुलिस की निष्पक्षता पर बड़ा सवाल खड़ा करता है।
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