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जुलाई माह में राजस्थान के मेवाड़ क्षेत्र के श्री सांवलिया सेठ के प्रतिष्ठित कृष्ण मंदिर ने एक बार फिर भक्तों की अपार श्रद्धा का प्रमाण दिया है। इस दौरान मंदिर के खजाने और दान कार्यालय में जमा हुए चढ़ावे का कुल आंकड़ा 28.32 करोड़ रुपये से ऊपर पहुंच गया है, जो दर्शाता है कि इस धार्मिक केंद्र की महत्ता केवल आध्यात्मिक ही नहीं, बल्कि सामाजिक और आर्थिक दृष्टि से भी बेहद महत्वपूर्ण है।
मंदिर में जमा हुई राशि के आंकड़े बताते हैं कि अकेले मंदिर के खजाने में 22.22 करोड़ रुपये से अधिक का दान संग्रहित हुआ। इस रकम को छह अलग-अलग चरणों में गिनती के बाद सुनिश्चित किया गया, जिसमें पहले चरण में 7.15 करोड़, दूसरे में 3.35 करोड़, तीसरे में 7.63 करोड़, चौथे में 3 करोड़, पांचवें में लगभग 88.65 लाख और अंतिम चरण में 20.85 लाख रुपये शामिल हैं। इसके साथ ही सोने की 410 ग्राम और चांदी की 80.5 किलोग्राम कीमती धातुएं भी मंदिर को प्राप्त हुईं, जो दर्शाती हैं कि यहां चढ़ावे का पैमाना धन-दौलत के साथ-साथ आस्था की भी मापदंड है।
दान कार्यालय ने भी इस अवधि में नकद और मनीऑर्डर के जरिए लगभग 6.10 करोड़ रुपये का योगदान दिया। इसके अलावा 1.033 किलोग्राम सोना और 124.4 किलोग्राम चांदी भी चढ़ावे के रूप में मिली। इन सभी आंकड़ों को मिलाकर जुलाई 2025 में मंदिर को मिले कुल चढ़ावे की राशि 28.32 करोड़ रुपये से अधिक हो गई, जबकि सोने और चांदी का वजन क्रमशः 1.44 किलोग्राम और 204 किलोग्राम से ऊपर रहा।
यह महत्त्वपूर्ण गणना श्री सांवलिया सेठ मंदिर बोर्ड के अध्यक्ष श्री हजारीदास वैष्णव के नेतृत्व में पूरी पारदर्शिता के साथ संपन्न हुई। प्रशासनिक अधिकारी शिवशंकर पारीक, राजेंद्र सिंह, संपत्ति प्रबंधक भेरुगिरी गोस्वामी, सुरक्षा प्रभारी गुलाब सिंह सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी इस प्रक्रिया में मौजूद थे। क्षेत्रीय बैंकों के अधिकारियों की भागीदारी ने भी इस प्रक्रिया की विश्वसनीयता और पारदर्शिता को सुनिश्चित किया।
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