_1634396879.jpg)
फिल्म धड़क 2 को केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (CBFC) ने रिलीज की मंजूरी दे दी है, लेकिन इसके लिए फिल्म में कई बदलाव करने पड़े। सिद्धांत चतुर्वेदी और त्रिप्ती डिमरी की यह फिल्म सामाजिक मुद्दों पर आधारित है। सेंसर बोर्ड ने फिल्म को U/A सर्टिफिकेट तो दे दिया, लेकिन इसके पहले लगभग 16 सीन में बदलाव करने को कहा गया।
फिल्म में कुछ ऐसे संवाद और दृश्य थे, जो जाति, धर्म और राजनीति से जुड़े संवेदनशील मुद्दों को छूते थे। बोर्ड को लगा कि इन हिस्सों से समाज में विवाद खड़ा हो सकता है, इसलिए इन्हें हटाने या बदलने का निर्देश दिया गया। कुछ दृश्यों से जातिगत शब्द हटाए गए, हिंसात्मक सीन को छोटा किया गया और धार्मिक संदर्भ भी हटाए गए। साथ ही कुछ जगहों पर डिस्क्लेमर भी जोड़े गए हैं ताकि दर्शकों को यह स्पष्ट हो कि यह काल्पनिक कहानी है।
फिल्म धड़क 2 एक गंभीर सामाजिक विषय—जातिवाद—पर आधारित है। यह दिखाता है कि आज के समय में भी समाज में जातिगत भेदभाव किस तरह मौजूद है और इससे लोगों की जिंदगी कैसे प्रभावित होती है। फिल्म को शाजिया इकबाल ने डायरेक्ट किया है और करण जौहर इसके निर्माता हैं।
हालांकि फिल्म को सेंसर से मंजूरी मिल गई है, लेकिन इसकी रिलीज डेट को लेकर अभी स्पष्टता नहीं है। प्रमोशन की शुरुआत भी देरी से हो रही है क्योंकि निर्माता पहले सेंसर बोर्ड की मंजूरी का इंतजार कर रहे थे।
फिल्म के ट्रेलर और कंटेंट को देखते हुए यह कहा जा सकता है कि यह एक मजबूत सामाजिक संदेश देने वाली फिल्म है। अब देखना होगा कि दर्शक इसे कितना पसंद करते हैं और क्या यह समाज में कोई सकारात्मक बदलाव लाने में सफल होती है या नहीं।
--Advertisement--