
Up Kiran, Digital Desk: दिवाली का त्यौहार बस आने ही वाला है और घरों में इसकी तैयारियां ज़ोरों पर हैं। दिवाली की शुरुआत धनतेरस के दिन से होती है, जो इस साल 18 अक्टूबर को मनाया जाएगा। इस दिन भगवान गणेश, माँ लक्ष्मी और कुबेर की पूजा का खास महत्व है, खासकर व्यापारियों के लिए।
अगर आप भी इस साल धनतेरस पर पूजा करने की सोच रहे हैं, तो ज़रूरी है कि पूजा की सारी सामग्री पहले से ही तैयार कर लें। पूजा के लिए सही मंत्रों का जाप भी उतना ही ज़रूरी है, क्योंकि इनके बिना पूजा अधूरी मानी जाती है। तो आइए, जानते हैं कि इस धनतेरस पर पूजा के लिए आपको किन-किन चीज़ों की ज़रूरत पड़ेगी और पूजा का शुभ मुहूर्त क्या है।
धनतेरस पूजा के लिए ज़रूरी सामग्री:
पूजा शुरू करने से पहले, यह सुनिश्चित कर लें कि आपके पास ये सभी चीज़ें मौजूद हैं:
भगवान की मूर्तियाँ या तस्वीरें: गणेश जी, माँ लक्ष्मी और कुबेर देवता की मूर्ति या तस्वीर।
यंत्र: श्री यंत्र और कुबेर यंत्र।
पूजा की चौकी: एक लकड़ी की चौकी।
अन्य ज़रूरी चीज़ें: नया बहीखाता, कलम, रोली, हल्दी, सिंदूर, अक्षत (साबुत चावल), शक्कर, गंगाजल, और गाय का शुद्ध घी।
फूल और पत्ते: पान के पत्ते, सुपारी, लौंग, इलायची, कमल और लाल गुलाब के फूल, और कमलगट्टा।
वस्त्र और पवित्र धागे: पीले और लाल रंग के नए कपड़े, रक्षासूत्र, और यज्ञोपवीत।
पंचामृत और भोग: दूध, दही, शहद, पंच मेवा, मिठाई, फल, नारियल और साबुत धनिया।
अन्य सामग्री: इत्र, दूर्वा, कुश, पंच पल्लव, रुई की बत्ती, दीपक, कपूर, धूप, और गंध।
सोने-चांदी के सिक्के।सप्तमृत्तिका और सप्तधान्य।पूजा के लिए आसन: कुश या कंबल का आसन।
धनतेरस कथा और आरती की किताब।
धतेरस पूजा मंत्र:पूजा के दौरान इन मंत्रों का जाप ज़रूर करें:
गणेश मंत्र: वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ, निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा।
लक्ष्मी मंत्र: ऊँ श्रींह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं ऊँ महालक्ष्मी नम:।
कुबेर मंत्र: ॐ ह्रीं श्रीं क्रीं श्रीं कुबेराय अष्ट-लक्ष्मी मम गृहे धनं पुरय पुरय नमः।
पूजा का शुभ मुहूर्त:इस साल धनतेरस की पूजा के लिए दो शुभ मुहूर्त हैं:
पहला मुहूर्त (प्रदोष काल): शाम 06:59 से रात 08:56 तक। यह मुहूर्त पूजा के लिए सबसे उत्तम माना जाता है।
दूसरा मुहूर्त (सिंह लग्न): देर रात 01:27 से सुबह 03:41 तक।
इन मुहूर्तों में विधि-विधान से पूजा करके आप माँ लक्ष्मी और कुबेर देवता को प्रसन्न कर सकते हैं और उनकी कृपा पा सकते हैं।