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Up Kiran, Digital Desk: शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन के मंच पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच हुई मुलाकात ने भारत में राजनीतिक भूचाल ला दिया है। मुख्य विपक्षी दल, कांग्रेस ने इस मुलाकात को लेकर प्रधानमंत्री मोदी पर अब तक का सबसे तीखा हमला बोला है। कांग्रेस ने इस मुलाकात को "चीन के सामने घुटने टेकने" और "भारत के आत्मसम्मान से समझौता" करार दिया है।

कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि प्रधानमंत्री मोदी ने चीन की आक्रामकता के सामने पूरी तरह से आत्मसमर्पण कर दिया है। पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने कहा कि एक तरफ चीनी सेना लद्दाख में हमारी जमीन पर कब्जा करके बैठी है, और दूसरी तरफ हमारे प्रधानमंत्री बिना किसी शर्त के चीनी राष्ट्रपति से मिल रहे हैं। यह भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा और संप्रभुता के साथ एक बड़ा खिलवाड़ है।

कांग्रेस ने उठाए ये बड़े सवाल:

क्या चीन पीछे हटा?: कांग्रेस ने सवाल किया कि जब तक चीनी सेना अप्रैल 2020 से पहले वाली स्थिति पर वापस नहीं लौट जाती, तब तक किसी भी तरह की बातचीत का क्या मतलब है? क्या इस मुलाकात से पहले चीन ने हमारी जमीन खाली कर दी?

हमारे बहादुर जवानों का अपमान: पार्टी ने कहा कि यह मुलाकात गलवान घाटी में शहीद हुए हमारे 20 वीर जवानों का अपमान है। जिस देश ने हमारे सैनिकों की जान ली, उसी देश के नेता के साथ मुस्कुराकर हाथ मिलाना कहाँ तक सही है?

किस मजबूरी में हुई मुलाकात?: कांग्रेस ने प्रधानमंत्री पर कटाक्ष करते हुए कहा कि आखिर ऐसी क्या मजबूरी थी कि उन्हें चीन के सामने झुकना पड़ा? क्या यह भारत की विदेश नीति की सबसे बड़ी विफलता नहीं है?

कांग्रेस ने इसे "चीनी कूटनीति के सामने भारतीय समर्पण" बताते हुए कहा कि प्रधानमंत्री ने देश को धोखे में रखा है। उन्होंने पहले कहा था कि "न कोई घुसा है, न कोई घुसा हुआ है," और अब उसी देश के नेता से बिना किसी एजेंडे के मिल रहे हैं जिसने हमारी जमीन पर कब्जा किया हुआ है।

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