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Up Kiran, Digital Desk: कांग्रेस नेता राहुल गांधी के हालिया बयान ने सियासी हलकों में हलचल मचा दी है। दिल्ली में आयोजित एक कानूनी सम्मेलन में उन्होंने अपने भाषण के दौरान पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली को लेकर ऐसा दावा कर दिया, जिसने न केवल राजनीति के गलियारों में बहस छेड़ दी, बल्कि दिवंगत नेताओं की विरासत और गरिमा को लेकर भी कई सवाल खड़े कर दिए।

क्या कहा राहुल गांधी ने?

अपने संबोधन में राहुल गांधी ने कृषि कानूनों के विरोध के संदर्भ में एक पुराना किस्सा साझा किया। उन्होंने कहा कि उस समय उन्हें डराने की कोशिश की गई थी और इसके लिए तत्कालीन बीजेपी नेता अरुण जेटली को भेजा गया था। राहुल के मुताबिक, जेटली ने उन्हें कड़े परिणाम भुगतने की चेतावनी दी थी। लेकिन उन्होंने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए खुद को ‘अलग किस्म का इंसान’ बताया, जो किसी दबाव में झुकने वाला नहीं है।

सियासी पलटवार तेज़

राहुल गांधी के इस बयान को लेकर राजनीतिक प्रतिक्रिया देर नहीं लगी। दिल्ली सरकार में मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने इसे न सिर्फ झूठा बताया, बल्कि इसे अरुण जेटली जैसे वरिष्ठ नेता की छवि को ठेस पहुंचाने वाला भी कहा। सिरसा के मुताबिक, यह बयान राहुल की राजनीति के पतन का प्रतीक है, जिसमें अब दिवंगत लोगों का नाम भी बिना तथ्यों के घसीटा जा रहा है।

बेटे रोहन जेटली की तीखी प्रतिक्रिया

दिवंगत नेता अरुण जेटली के पुत्र और सांसद रोहन जेटली ने भी इस बयान को लेकर गहरी आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा कि उनके पिता का निधन 2019 में हो गया था, जबकि कृषि कानून 2020 में लागू किए गए थे, ऐसे में राहुल गांधी का दावा न केवल तथ्यहीन है, बल्कि उनके पिता की छवि को राजनीतिक विवादों में घसीटना अनुचित है।

रोहन ने यह भी याद दिलाया कि उनके पिता लोकतांत्रिक मूल्यों में विश्वास रखने वाले व्यक्ति थे, जो मतभेदों को भी गरिमा के साथ स्वीकारते थे। उन्होंने राहुल गांधी से आग्रह किया कि वे उन लोगों पर टिप्पणियां करने से पहले तथ्यों की पुष्टि करें, जो अब अपनी बात रखने के लिए मौजूद नहीं हैं।

 

 

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