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Up Kiran, Digital Desk: पिछले कुछ महीनों में युवाओं में हार्ट अटैक की दर में नाटकीय रूप से वृद्धि हुई है। सड़क पर चलते समय, व्यायाम करते समय, मैदान में खेलते समय या ऑफिस में काम करते समय हार्ट अटैक से मौत के कई मामले सामने आए हैं। दावा किया जा रहा है कि हार्ट अटैक की दर में अचानक वृद्धि कोरोना से बचाव के लिए दी गई वैक्सीन की वजह से हुई है। इस पृष्ठभूमि में, ICMR और AIIMS द्वारा किए गए शोध से महत्वपूर्ण जानकारी सामने आई है। अध्ययन में कहा गया है कि कोरोना महामारी के बाद हार्ट अटैक और मौतों में वृद्धि का कोरोना को फैलने से रोकने के लिए दी गई वैक्सीन से कोई लेना-देना नहीं है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी स्पष्ट किया है कि युवा लोगों में हार्ट अटैक की बढ़ती दर और कोरोना वैक्सीनेशन के बीच कोई संबंध नहीं है। केंद्र सरकार ने स्पष्ट किया है कि आईसीएमआर द्वारा किए गए शोध में कोरोना वैक्सीन और हृदय रोग के बीच कोई संबंध नहीं दिखाया गया है। इस संबंध में फिलहाल दिल्ली एम्स में एक अध्ययन चल रहा है। इसके जरिए युवा लोगों में समय से पहले होने वाली मौतों में बढ़ोतरी का कारण पता लगाया जा रहा है। इस शोध से अब तक सामने आई जानकारी के मुताबिक इन मौतों का सबसे आम कारण हार्ट अटैक है। इसके अलावा आनुवांशिक कारण, पुरानी बीमारियां भी मौतों का कारण बन रही हैं। शोध से यह भी पता चलता है कि पिछले कुछ सालों में समय से पहले होने वाली मौतों की दर में कोई खास बदलाव नहीं आया है।
बढ़ते हार्ट अटैक केस की वजह क्या
साथ ही, कोरोना वैक्सीन और समय से पहले होने वाली मौतों के बीच कोई सीधा संबंध नहीं है। यह भी सामने आया है कि ज्यादातर मौतों का कारण बदली हुई जीवनशैली, आनुवांशिक कारक और पहले से मौजूद बीमारियां हैं। शोध में यह भी कहा गया है कि कोरोना वैक्सीन पूरी तरह से सुरक्षित है, इसलिए लोगों की जान बच पाई है।
इस बीच, यह शोध तब सामने आया है जब पिछले कुछ दिनों से देशभर में हार्ट अटैक से कम उम्र के लोगों की मौत के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। अब आईसीएमआर और एनसीडीसी इसके पीछे की वजहों का पता लगाने के लिए अध्ययन कर रहे हैं। फिलहाल इस शोध में कहा गया है कि मौत की वजह बदली हुई जीवनशैली और पहले से मौजूद बीमारियाँ हैं।