Up Kiran, Digital Desk: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अगले हफ़्ते, 12-13 नवंबर को, अपने सबसे ख़ास और पड़ोसी देश भूटान के दो दिवसीय दौरे पर जा रहे हैं। यह यात्रा भूटान के नए प्रधानमंत्री शेरिंग तोबगे के निमंत्रण पर हो रही है, जिनकी पार्टी ने इसी साल जनवरी में हुए चुनावों में जीत हासिल की थी।
यह सिर्फ़ एक औपचारिक दौरा नहीं है, बल्कि भारत की 'पड़ोस पहले' नीति का एक अहम हिस्सा है, जिसका मक़सद अपने सबसे विश्वसनीय दोस्त के साथ रिश्तों को और गहराई देना है। ऐसे समय में जब भूटान और चीन के बीच सीमा को लेकर बातचीत चल रही इस दौरे के रणनीतिक मायने भी बहुत ज़्यादा हैं।
क्यों इतना ख़ास है यह दौरा?
इस दौरे का महत्व सिर्फ़ दो नेताओं की मुलाक़ात तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह दोनों देशों के बीच दशकों पुराने विश्वास और दोस्ती का प्रतीक है।
इस दौरे का एजेंडा क्या है?
इस यात्रा के दौरान कई अहम मुद्दों पर चर्चा और कुछ महत्वपूर्ण परियोजनाओं की शुरुआत होने की उम्मीद है:
कुल मिलाकर, पीएम मोदी का यह दौरा यह संदेश देने के लिए है कि भारत हमेशा भूटान के साथ मज़बूती से खड़ा और दोनों देशों की यह बेमिसाल दोस्ती भविष्य में और भी गहरी होगी।

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