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नई दिल्ली:

उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक नई चर्चा ने जोर पकड़ लिया है। सपा नेता और सांसद डिंपल यादव को लेकर यह अटकलें लगाई जा रही हैं कि उन्हें बीजेपी का परोक्ष समर्थन मिल रहा है। इस बीच, एनडीए के कुछ नेताओं को नसीहत दी गई है कि वे बयानबाजी से बचें और डिंपल यादव को लेकर संयम बरतें।

हाल ही में एक जनसभा के दौरान मौलाना तौकीर रशीदी के बयान ने राजनीतिक हलकों में नया बवाल खड़ा कर दिया। मौलाना रशीदी ने डिंपल यादव को लेकर एक विवादास्पद टिप्पणी की, जिसे कई राजनीतिक दलों ने आपत्तिजनक बताया। इस बयान की आलोचना खुद समाजवादी पार्टी और विपक्ष के अन्य नेताओं ने भी की है।

डिंपल यादव इस समय विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ की अहम चेहरों में गिनी जाती हैं, और उन्हें महिलाओं के मुद्दों पर मुखर नेता माना जाता है। वहीं, बीजेपी की ओर से सीधे तौर पर कोई समर्थन की पुष्टि नहीं की गई है, लेकिन कुछ नेताओं की चुप्पी ने राजनीतिक गलियारों में सवाल जरूर खड़े कर दिए हैं।

एनडीए के कुछ नेताओं को पार्टी हाईकमान की ओर से हिदायत दी गई है कि वे डिंपल यादव या विपक्षी गठबंधन के नेताओं को लेकर सार्वजनिक रूप से कोई भी बयान देने से बचें, ताकि अनावश्यक विवाद न खड़ा हो।

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि डिंपल यादव को लेकर मौजूदा घटनाक्रम आगामी लोकसभा चुनावों की रणनीति से जुड़ा हो सकता है। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि आगे आने वाले समय में क्या समीकरण बनते हैं।

 

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