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Up Kiran, Digital Desk: राजधानी दून में निजी स्कूलों की मनमानी पर अब प्रशासन ने कमर कस ली है। हाल ही में एक ऐसा मामला सामने आया है जिसने शहर के तमाम बड़े स्कूलों में हड़कंप मचा दिया है. भानियावाला स्थित द प्रेसीडेंसी इंटरनेशनल स्कूल पर जिला प्रशासन ने न सिर्फ 5 लाख 20 हजार रुपये का भारी-भरकम जुर्माना लगाया है बल्कि यह भी खुलासा हुआ है कि यह स्कूल बिना मान्यता के ही चल रहा था!
कैसे सामने आया यह मामला
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर देहरादून में निजी स्कूलों की मनमानी के खिलाफ लगातार कार्रवाई चल रही है. इसी कड़ी में द प्रेसीडेंसी इंटरनेशनल स्कूल के खिलाफ सौ से ज़्यादा अभिभावकों ने मनमाने तरीके से फीस बढ़ाने की शिकायत की थी. यह शिकायत सीधे जिलाधिकारी कार्यालय तक पहुंची.
जांच में खुली पोल
जिलाधिकारी सविन बंसल ने शिकायत को गंभीरता से लेते हुए मुख्य विकास अधिकारी (CDO) को मामले की जांच सौंपी. CDO ने स्कूल प्रबंधन को पिछले पांच साल में बढ़ाई गई फीस के रिकॉर्ड के साथ तलब किया लेकिन स्कूल प्रबंधन ने कई बार बुलाने पर भी कोई जवाब नहीं दिया.
इसके बाद जब स्कूल के दस्तावेजों की जांच की गई तो एक चौंकाने वाला सच सामने आया: शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत कक्षा आठ तक की स्कूल की मान्यता मार्च में ही खत्म हो चुकी थी! हैरानी की बात यह है कि मान्यता रिन्यू कराने के लिए स्कूल ने आवेदन तक नहीं किया था.
इतनी बड़ी कार्रवाई क्यों
बिना मान्यता के स्कूल चलाना और अभिभावकों से मनमानी फीस वसूलना दोनों ही गंभीर अपराध हैं. जिला प्रशासन ने शिक्षा का अधिकार अधिनियम-2009 की धारा-18 की उपधारा-5 के तहत कार्रवाई करते हुए 1 अप्रैल 2025 से 22 मई 2025 तक 52 दिनों के लिए प्रतिदिन दस हजार रुपये के हिसाब से 520000 रुपये का जुर्माना लगाया है. स्कूल को यह जुर्माना राशि तीन दिन के भीतर जमा करने का निर्देश दिया गया है अन्यथा जिला प्रशासन भू-राजस्व की तरह इसकी वसूली करेगा.
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