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भागदौड़ भरी जिंदगी में अक्सर लोग खान-पान को नजरअंदाज कर देते हैं। इसके अलावा यदि निरंतर बैठे रहने का काम हो और जंक फूड, पिज्जा, बर्गर जैसे खाने का मन हो तो संक्रमण के कारण बीमार होने की दर भी बढ़ जाती है।

डॉक्टर चाहे कितनी भी दवाइयां दे दें, मरीज में जन्मजात रोग प्रतिरोधक क्षमता का होना आवश्यक है। उसके लिए कुछ उपायों और तरीकों को अपनाना जरूरी है। आइए जानें कि प्रतिरक्षा वास्तव में क्या है और इसके असर और इसे कैसे मजबूत किया जा सकता है।

ऐसे बढ़ाएं रोग प्रतिरोधक क्षमता

  • एक संपूर्ण पौष्टिक आहार में बिना मेहनत किए फल और पत्तेदार सब्जियां शामिल होनी चाहिए। रोजाना एक फल खाना जरूरी है। विटामिन-सी वाले फलों का ज्यादा सेवन करें।
  • भले ही आहार में जंक फूड शामिल हो, सप्ताह में केवल एक या दो बार।
  • खाने का वक्त निश्चित होना चाहिए।
  • साथ ही 24 घंटे में कम से कम आठ घंटे की नींद जरूरी है। यह शरीर की टूट-फूट को ठीक करता है।
  • साथ ही मेटाबॉलिज्म भी सामान्य रहता है। अपर्याप्त नींद का मस्तिष्क के साथ-साथ हृदय पर भी अधिक प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।
  • 24 घंटे में एक घंटे एक्सरसाइज करना बहुत जरूरी है।
  • शरीर को संतुलित करने के लिए रोग प्रतिरोधक क्षमता जरूरी है।

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