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Up Kiran, Digital Desk: टेस्ट क्रिकेट की दुनिया में बल्लेबाज़ी की चुनौतियाँ इतनी जटिल और विविध होती हैं कि हर खिलाड़ी के लिए निरंतर सफल रहना बेहद मुश्किल होता है। रन बनाने के दौरान शून्य पर आउट होना इस खेल का एक कड़वा सच है जो अधिकतर खिलाड़ियों को झेलना पड़ता है। मगर भारत के क्रिकेट इतिहास में एक ऐसा बल्लेबाज़ भी है जिसने कभी इस निराशाजनक स्थिति का सामना नहीं किया।
बृजेश पटेल जो भारतीय टेस्ट टीम के अहम सदस्य रहे वे एकमात्र भारतीय खिलाड़ी हैं जिनका टेस्ट करियर शून्य पर आउट होने से पूरी तरह दूर रहा। उन्होंने 21 टेस्ट मैचों में हिस्सा लिया और करीब 29.45 की औसत से कुल 972 रन बनाए जिनमें एक शतक और पाँच अर्धशतक शामिल थे। उनकी बल्लेबाज़ी खासकर ऑस्ट्रेलिया न्यूज़ीलैंड और वेस्टइंडीज़ के खिलाफ़ यादगार रही।
1974 में टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण करने के बाद बृजेश पटेल ने 1977 में पर्थ के WACA मैदान पर ऑस्ट्रेलिया के विरुद्ध अंतिम टेस्ट खेला। भारत के 93 साल के टेस्ट इतिहास में वे अकेले ऐसे खिलाड़ी हैं जिन्होंने अपने पूरे करियर में एक भी बार शून्य पर आउट होने का दंश नहीं झेला।
रोचक तथ्य यह भी है कि बृजेश पटेल ने वनडे क्रिकेट में भी इस दुर्लभ रिकॉर्ड को कायम रखा। हालांकि उन्होंने सीमित ओवरों के खेल में केवल 10 मैच खेले मगर नौ पारियों में 30.37 की औसत से 243 रन बनाने के बावजूद कभी शून्य पर आउट नहीं हुए। इसमें उनका एक अर्धशतक भी शामिल है।
अगर वर्तमान खिलाड़ियों की बात करें तो ज़िम्बाब्वे के सीन विलियम्स इस मामले में सबसे आगे हैं। अब तक 22 टेस्ट मैच खेलने वाले विलियम्स ने 43 पारियों में 48.07 की औसत से 1875 रन हासिल किए हैं जिनमें छह शतक और सात अर्धशतक भी शामिल हैं। उन्होंने भी कभी शून्य पर आउट नहीं होना अपने करियर की विशेषता बनाया है।
भारत में बृजेश पटेल के बाद इस विशेष श्रेणी में प्रवीण आमरे का नाम आता है। उन्होंने 11 टेस्ट मैच खेले और 42.5 की औसत से 425 रन बनाए जिनमें एक शतक और तीन अर्धशतक शामिल हैं। आमरे ने भी अपने करियर में कभी शून्य पर आउट होने का अनुभव नहीं किया।
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