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Up Kiran , Digital Desk: दही हमारी थाली का एक ऐसा सदस्य है जो न केवल स्वाद में लाजवाब है बल्कि हमारी संस्कृति और धर्म में भी इसका खास महत्व है। इसे शुभता का प्रतीक माना जाता है और यही वजह है कि पूजा-पाठ से लेकर कई महत्वपूर्ण धार्मिक कार्यों में इसका इस्तेमाल सदियों से होता आया है। भगवान कृष्ण को प्रिय होने से लेकर पंचामृत का अभिन्न हिस्सा बनने तक दही हमारी आस्था में गहराई से रचा-बसा है। मगर क्या आप जानते हैं कि दही से जुड़े कुछ शकुन और अपशकुन भी हैं जो हमारे जीवन में आने वाली अच्छी और बुरी घटनाओं के संकेत देते हैं। यहां तक कि एक अपशकुन का तो सीधा कनेक्शन रावण से भी है! तो चलिए जानते हैं दही से जुड़े इन दिलचस्प संकेतों के बारे में:
दही से जुड़े शुभ शकुन (Auspicious Omens Related to Yogurt)
घर से निकलते वक्त दही-चीनी: हिंदू धर्म में यह एक आम और महत्वपूर्ण परंपरा है कि किसी भी महत्वपूर्ण काम के लिए या नई शुरुआत करने से पहले दही और चीनी खाकर निकला जाए। माना जाता है कि दही-चीनी खाने से कार्य में सफलता मिलती है और मन शांत रहता है जिससे सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है।
ग्रहों के प्रतिकूल प्रभाव को कम करना: ज्योतिष शास्त्र में भी दही का महत्व बताया गया है। माना जाता है कि दही ग्रहों के नकारात्मक प्रभावों को कम करने में सहायक होता है। खासकर कुंडली में चंद्रमा की कमजोर स्थिति को मजबूत करने के लिए दही का सेवन करना लाभकारी माना जाता है।
राहु की शांति के लिए दान: राहु ग्रह की शांति के लिए काले तिल के साथ दही का दान करना भी शुभ माना जाता है। मान्यता है कि ऐसा करने से राहु के अशुभ प्रभावों में कमी आती है और जीवन में शांति आती है।
दही से जुड़े अशुभ अपशकुन (Inauspicious Omens Related to Yogurt)
दही का गिरना: दही का गिरना हिंदू धर्म में एक अशुभ संकेत माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि दही का गिरना घर में सुख-समृद्धि की कमी या पारिवारिक कलह का कारण बन सकता है। दरअसल दही को चंद्रमा का प्रतीक माना जाता है और इसका गिरना चंद्रमा के अशुभ प्रभाव से जोड़ा जाता है। किसी महत्वपूर्ण काम के लिए घर से बाहर निकलते समय दही का गिरना विशेष रूप से अशुभ माना जाता है। मान्यता है कि बार-बार घर में दही का गिरना किसी बड़ी मुसीबत के आने का संकेत हो सकता है। यदि दही गिर जाए तो चंद्र देव से क्षमा मांगनी चाहिए और भगवान शिव की पूजा करनी चाहिए। साथ ही इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि गिरे हुए दही पर पैर न पड़े।
थाली में जूठा दही छोड़ना: थाली में जूठा दही छोड़ना भी एक अपशकुन माना जाता है। मान्यता है कि ऐसा करने से आयु क्षीण होती है। इस मान्यता के पीछे रामायण की एक रोचक कथा भी जुड़ी हुई है। जब हनुमान जी माता सीता की खोज में लंका पहुंचते हैं और रावण के महल में जाते हैं तो वहां वे रावण के भोजनालय में उसकी जूठी थाली देखते हैं। वाल्मीकि रामायण के अनुसार रावण अक्सर अपनी थाली में दही जूठा छोड़ देता था। हनुमान जी इस दृश्य को देखकर समझ जाते हैं कि रावण की मृत्यु अब नजदीक है। इस कथा से यह सीख मिलती है कि थाली में जूठा दही छोड़ने से नकारात्मक ऊर्जा आती है और यह आयु को कम करने का संकेत हो सकता है।
दही जो हमारे भोजन का एक साधारण सा हिस्सा है वास्तव में हमारे जीवन और आस्था से गहरा जुड़ा हुआ है। इसके शुभ और अशुभ संकेतों को जानकर हम अपने जीवन में सकारात्मकता लाने और नकारात्मकता से बचने के लिए कुछ सावधानियां बरत सकते हैं। तो अगली बार जब आप दही खाएं या उससे जुड़ा कोई घटना देखें तो इन मान्यताओं को जरूर याद रखें।
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