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Up Kiran, Digital Desk: भारत में वास्तु शास्त्र न केवल घर बनाने की दिशा और संरचना के नियम बताता है, बल्कि यह भी निर्धारित करता है कि घर की दीवारों का रंग कैसा होना चाहिए। रंगों का हमारे जीवन और ऊर्जा पर गहरा प्रभाव होता है, और वास्तु शास्त्र में प्रत्येक रंग के पीछे एक विशेष ऊर्जा या ग्रह का संबंध माना गया है।
काले रंग को लेकर क्या कहता है वास्तु शास्त्र
वास्तु शास्त्र के अनुसार, काला रंग घर की दीवारों पर नहीं होना चाहिए। यह रंग नकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक माना जाता है और सनातन धर्म की मान्यताओं में इसे अशुभ माना गया है। विशेष रूप से जब यह रंग घर की दीवारों या मुख्य द्वार पर उपयोग किया जाए, तो यह कई प्रकार की बाधाओं और समस्याओं को आमंत्रित कर सकता है।
काला रंग और ग्रहों का संबंध
काला रंग राहु और शनि ग्रहों से जुड़ा हुआ है। ये दोनों ग्रह जब कुंडली में अशुभ स्थिति में हों, तो जीवन में मानसिक तनाव, वित्तीय समस्याएं और स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां ला सकते हैं। राहु का प्रभाव घर में गरीबी, बीमारी और मानसिक तनाव को बढ़ा सकता है। शनि का प्रभाव जीवन में बाधाएं और विलंब लाता है, खासकर करियर और पारिवारिक संबंधों में।
काले रंग के प्रयोग से हो सकते हैं ये नुकसान
घर में लगातार धन की कमी और आर्थिक तंगी बनी रह सकती है। बच्चों के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक असर पड़ सकता है। घर का वातावरण भारी और निराशाजनक बन सकता है, जिससे पारिवारिक सदस्यों के बीच तनाव बढ़ सकता है। आए दिन लड़ाई झगड़े होने लगते हैं।
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