
कुछ दिन पहले चैम्पियंस ट्रॉफी टूर्नामेंट आयोजित हुआ था। पाकिस्तान द्वारा आयोजित इस टूर्नामेंट की ट्रॉफी भारत ने जीती। टूर्नामेंट का फाइनल मैच 9 मार्च को हुआ, जिसमें भारतीय टीम ने न्यूजीलैंड को हराकर खिताब जीता। इस बीच 29 साल बाद आईसीसी टूर्नामेंट की मेजबानी करना पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) के लिए महंगा पड़ गया है। दिवालिया हो चुके पीसीबी को इस परियोजना के कारण लगभग 800 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
पाकिस्तान ने इस चैंपियंस ट्रॉफी की मेजबानी करके करोड़ों रुपए कमाने का सपना देखा था। मगर पाकिस्तान का सपना टूट गया। इस परियोजना से पाकिस्तान को झटका झटका लगा है। पीसीबी ने इस टूर्नामेंट से पहले स्टेडियम को बेहतर बनाने पर करोड़ों रुपए खर्च किए थे। मगर अंत में पीसीबी को 85 प्रतिशत घाटा उठाना पड़ा।
पाकिस्तान क्रिकेट को 799 करोड़ रुपये का नुकसान
पाकिस्तान के चैंपियंस ट्रॉफी मैच तीन स्थानों पर आयोजित किये गए: लाहौर, कराची और रावलपिंडी। भारतीय टीम ने अपने सभी मैच दुबई में खेले। फाइनल भी दुबई में आयोजित किया गया था। टेलीग्राफ के अनुसार, पीसीबी ने घरेलू मैचों के आयोजन पर लगभग 851 करोड़ रुपये खर्च किए थे। इसके बावजूद पीसीबी केवल 52 करोड़ रुपये ही कमा पाई। यानी उन्हें लगभग 799 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। दिलचस्प बात ये है कि इस नुकसान की भरपाई के लिए पीसीबी ने अपने खिलाड़ियों की मैच फीस में भारी कटौती की है।
पाकिस्तान क्रिकेट टीम ने अपने घरेलू मैदान पर आयोजित इस चैंपियंस ट्रॉफी में शर्मनाक प्रदर्शन किया। पाकिस्तानी टीम 5 दिन में एक भी मैच जीते बिना बाहर हो गई। टीम ग्रुप चरण से आगे नहीं बढ़ सकी।