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Up Kiran, Digital Desk: शनिवार को एक चौंकाने वाली घटना सामने आई जब अधिकारियों ने बताया कि गुजरात के मेहसाना जिले के एक दंपति और उनकी बेटी को लीबिया में अपहरण कर लिया गया है। यह परिवार यूरोप जाने की कोशिश कर रहा था, लेकिन लीबिया में उन्हें बंधक बना लिया गया और फिरौती के तौर पर 2 करोड़ रुपये की मांग की गई।

अपहरण का शिकार हुआ युवा परिवार

मेहसाना जिले के किस्मतसिंह चावड़ा और उनकी पत्नी हीनाबेन चावड़ा, और उनकी तीन वर्षीय बेटी देवंशी को 29 नवंबर को अहमदाबाद से दुबई के लिए उड़ान भरने के बाद अगवा कर लिया गया। यह परिवार पुर्तगाल में बसने की योजना के तहत यात्रा कर रहा था, और चावड़ा का भाई पहले से ही पुर्तगाल में रह रहा था।

अधिकारियों के मुताबिक, दुबई से उन्हें सीधे लीबिया के बेंगाजी शहर ले जाया गया, जहां उनका अपहरण हुआ। मेहसाना पुलिस अधीक्षक हिमांशु सोलंकी ने बताया कि परिवार के सदस्य और रिश्तेदारों से अब तक 2 करोड़ रुपये की फिरौती की मांग की जा चुकी है। इस मामले के सामने आते ही राज्य सरकार और विदेश मंत्रालय को सूचित कर दिया गया है।

फिरौती की मांग और सरकार की प्रतिक्रिया

समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, चावड़ा परिवार के अपहरणकर्ताओं ने अब तक 2 करोड़ रुपये की भारी रकम की मांग की है। इस रकम को लेकर परिवार के सदस्य और रिश्तेदार बेहद चिंतित हैं। चावड़ा के परिवार ने इस बारे में मेहसाना कलेक्टर एसके प्रजापति से संपर्क किया है, जिन्होंने गुजरात सरकार और विदेश मंत्रालय को सूचित किया है।

उन्हें अब उम्मीद है कि सरकार और संबंधित एजेंसियां परिवार के सुरक्षित वापसी के लिए जल्द ही कोई कदम उठाएंगी।

अपहरण में विदेशी एजेंट का हाथ

मेहसाना पुलिस ने यह भी खुलासा किया कि इस मामले में शामिल एजेंट भारतीय नहीं हैं। चावड़ा का भाई पुर्तगाल में एक एजेंट की मदद से यात्रा कर रहा था। इस दौरान इस एजेंट की भूमिका और यात्रा के दौरान की गई हरकतों पर भी ध्यान दिया जा रहा है।

इस मामले को लेकर विजयपुर विधानसभा क्षेत्र के भाजपा विधायक सी.जे. चावड़ा ने राज्य और केंद्र सरकार से तत्काल कार्रवाई की अपील की है। उन्होंने इस मुद्दे को विधानसभा में उठाया और परिवार के शीघ्र सुरक्षित वापसी के लिए कदम उठाने की मांग की।

अधिकारियों की सतर्कता और कार्रवाई

अधिकारियों के अनुसार, चावड़ा परिवार के सुरक्षात्मक प्रयासों के तहत राज्य पुलिस, विदेश मंत्रालय और अन्य एजेंसियां मिलकर इस मामले पर कड़ी निगरानी रख रही हैं। उनकी प्राथमिकता परिवार का सही-सलामत लौटना है। इस दौरान भारतीय दूतावास भी पूरी तरह से सतर्क हो चुका है और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मदद प्राप्त करने के प्रयास किए जा रहे हैं।