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मॉस्को एयरपोर्ट पर हाल ही में हुए ड्रोन हमले ने भारतीय सांसदों की उड़ान को संकट में डाल दिया। तमिलनाडु की DMK सांसद कनिमोझी के नेतृत्व में एक भारतीय प्रतिनिधिमंडल मॉस्को यात्रा पर था। हमले के कारण कनिमोझी के विमान को घंटों तक हवा में चक्कर लगाना पड़ा, जिससे यात्रियों में घबराहट फैल गई।
रूसी अधिकारियों के अनुसार, यह हमला यूक्रेनी ड्रोन द्वारा किया गया था। हमले के बाद मॉस्को के प्रमुख एयरपोर्ट्स, विशेषकर व्नुकोवो एयरपोर्ट, को कुछ समय के लिए बंद कर दिया गया था। इससे न केवल भारतीय प्रतिनिधिमंडल की उड़ान प्रभावित हुई, बल्कि अन्य अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को भी असुविधा का सामना करना पड़ा।
कनिमोझी के विमान की स्थिति को देखते हुए, एयर ट्रैफिक कंट्रोल ने उसे सुरक्षित मार्ग पर निर्देशित किया। हालांकि, कुछ समय के लिए विमान को लैंडिंग की अनुमति नहीं मिल पाई, जिससे यात्रियों में चिंता का माहौल था। अंततः, सुरक्षा सुनिश्चित करने के बाद विमान को लैंडिंग की अनुमति दी गई और सभी यात्री सुरक्षित रूप से एयरपोर्ट पर पहुंचे।
इस घटना ने अंतरराष्ट्रीय उड़ानों की सुरक्षा पर सवाल उठाए हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि ड्रोन हमलों से निपटने के लिए एयरपोर्ट्स को और सख्त सुरक्षा उपायों की आवश्यकता है। रूसी अधिकारियों ने इस हमले को "आतंकी कृत्य" बताते हुए इसकी कड़ी निंदा की है।
भारतीय विदेश मंत्रालय ने भी इस घटना पर चिंता व्यक्त की है और रूस से सुरक्षा उपायों को और मजबूत करने की अपील की है। इस घटना के बाद, भारतीय प्रतिनिधिमंडल की यात्रा में कुछ समय की देरी हुई, लेकिन सभी कार्यक्रम सुरक्षित रूप से संपन्न हुए।
यह घटना दर्शाती है कि वैश्विक सुरक्षा चुनौतियाँ बढ़ रही हैं और अंतरराष्ट्रीय समुदाय को मिलकर इनसे निपटने की आवश्यकता है।
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