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Up Kiran, Digital Desk: तमिलनाडु की राजनीति में एक नया चेहरा उभरने की ख़बर तेज़ी से फैल रही है - वो हैं सुपरस्टार विजय! थलपति विजय, जो अपनी फिल्मों से लाखों लोगों के दिलों पर राज करते हैं, अब सीधे 2026 के तमिलनाडु विधानसभा चुनावों में उतरने की तैयारी कर रहे हैं। हाल ही में उन्होंने अपनी एक नई राजनीतिक इकाई की घोषणा करके इस बात को और पक्का कर दिया है। लेकिन सवाल यह उठता है कि क्या फिल्मों में सफलता का जादू सियासत में भी चलेगा? क्योंकि भारत में कई ऐसे सितारे रहे हैं जिनकी राजनीतिक पारी उतनी आसान नहीं रही।

राजनीति में थलपति का 'नया मिशन'

विजय ने हाल ही में अपनी नई राजनीतिक पहचान की शुरुआत की है, जिसका नाम है 'विजय मक्कल इयक्कम' (Thalapathy Vijay Makkal Iyakkam), जो एक छात्र विंग के साथ शुरू हुई है। यह कदम उनके समर्थकों के लिए किसी बड़े त्यौहार से कम नहीं है। लंबे समय से उनके राजनीति में आने की अटकलें लगाई जा रही थीं, और अब जब उन्होंने सीधे 2026 के चुनावों का लक्ष्य रखा है, तो तमिलनाडु की राजनीति में हलचल तेज़ हो गई है।

सितारों की सियासत: आसान नहीं है ये रास्ता!

भारत में फिल्मी सितारों का राजनीति में आना कोई नई बात नहीं है। एमजीआर (M.G. Ramachandran) से लेकर जयललिता, एनटीआर (N.T. Rama Rao) और हाल ही में कमल हासन जैसे कई बड़े नाम पर्दे से निकलकर सत्ता के गलियारों तक पहुंचे हैं। इनमें से कुछ को ज़बरदस्त सफलता मिली, तो कुछ की पारी उतनी हिट नहीं रही।

चुनौतियाँ:

जनता की उम्मीदें: जब कोई बड़ा स्टार राजनीति में आता है, तो जनता उससे बहुत ज़्यादा उम्मीदें लगा लेती है, जिन्हें पूरा करना अक्सर मुश्किल होता है।

'फिल्मी' छवि से बाहर निकलना: पर्दे पर एक खास छवि बनाना आसान होता है, लेकिन असल ज़िन्दगी की राजनीति में ज़मीनी हकीकतें अलग होती हैं। एक लीडर के तौर पर खुद को साबित करना एक बड़ी चुनौती होती है।

संगठन और ज़मीनी पकड़: फिल्मों में लोकप्रियता काफी होती है, लेकिन एक पार्टी चलाने के लिए एक मज़बूत संगठन, ज़मीनी कार्यकर्ताओं का नेटवर्क और राजनीतिक दांव-पेंच की समझ होना ज़रूरी है, जो अक्सर स्टार्स के पास सीधे तौर पर नहीं होता।

विरोधी पार्टियों का वार: स्थापित राजनीतिक पार्टियां नए खिलाड़ी को आसानी से आगे नहीं बढ़ने देतीं, और उनके खिलाफ मजबूत विरोध का सामना करना पड़ता है।

विजय का 'अलग अंदाज़': क्या चलेगा ये दांव?

विजय अपनी फिल्मों में अक्सर ऐसे किरदार निभाते रहे हैं जो अन्याय के खिलाफ आवाज़ उठाते हैं और आम आदमी के मसीहा के तौर पर नज़र आते हैं। उनके करोड़ों फैंस हैं, जो उन्हें 'थलपथि' (नेता) मानते हैं। इस लोकप्रियता को देखते हुए, यह कयास लगाए जा रहे हैं कि वे अपनी इस फैन फॉलोइंग को राजनीतिक समर्थन में बदलने की कोशिश करेंगे।

विजय ने हाल ही में अपने फैंस से सीधे तौर पर जुड़ने और सामाजिक कार्यों में हिस्सा लेने का आह्वान किया है। उनका यह कदम उनके राजनीतिक इरादों का एक मज़बूत संकेत है। वे शायद फिल्म की 'मैजिक' को सीधे राजनीति में लाने की कोशिश न करें, बल्कि ज़मीनी स्तर पर काम करके लोगों का विश्वास जीतना चाहें।

आगे क्या:2026 का चुनाव अभी दूर है, लेकिन विजय के इस कदम ने तमिलनाडु की राजनीति में एक नई ऊर्जा भर दी है। यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या वे अपनी फिल्मी लोकप्रियता को वोट में बदल पाते हैं, या फिर बाकी सितारों की तरह उन्हें भी राजनीति के मुश्किल रास्तों का सामना करना पड़ेगा। फिलहाल, तमिलनाडु की जनता और पूरे देश की नज़रें थलपति विजय के इस नए 'मिशन' पर टिकी हैं।

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