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Up Kiran, Digital Desk: बारिश और भूस्खलन की मार ने इस बार यमुनोत्री धाम की यात्रा को लेकर गंभीर चिंताएं बढ़ा दी हैं। राजमार्ग निर्माण खंड बड़कोट के लिए हाईवे को सुरक्षित और व्यवस्थित करना सबसे बड़ी चुनौती बन गया है। जंगलचट्टी के साथ-साथ छह नए भूस्खलन और भू-धंसाव क्षेत्र बन गए हैं, जबकि यमुना नदी का तेज बहाव स्यानाचट्टी में बने पुल को भी खतरे में डाल रहा है।
कब से ठप पड़ा है रास्ता
जानकारी के अनुसार, पिछले आठ दिनों से यमुनोत्री हाईवे जंगलचट्टी और नारदचट्टी के बीच भू-धंसाव के कारण पूरी तरह बंद पड़ा है। कुथनौर से लेकर जानकीचट्टी तक की सड़क कम से कम 12 जगहों पर क्षतिग्रस्त हो गई है। मानसून के दौरान भारी बरसात के चलते करीब छह नए भू-धंसाव और भूस्खलन क्षेत्र उभर आए हैं।
सड़क का हाल बदतर
- हनुमान चट्टी से फूलचट्टी के बीच सड़क कई स्थानों पर धंस गई है और कुछ हिस्से बारिश में बह भी गए हैं।
- पालीगाड-सिलाई बैंड के पास कुथनौर के सामने सड़क पूरी तरह टूटी हुई है।
- स्यानाचट्टी और रानाचट्टी के बीच झर्झर गाड क्षेत्र में विशाल गड्ढे बन गए हैं।
- 200 से 300 मीटर ऊंची खड़ी चट्टानों से लगातार बोल्डर गिरने का खतरा बना हुआ है।
- इन परिस्थितियों ने मानसून के बाद यात्रियों के लिए यमुनोत्री धाम की यात्रा पर अनिश्चितता खड़ी कर दी है।
जनप्रतिनिधियों की चिंता
नौगांव ब्लॉक की नवनिर्वाचित प्रमुख सरोज पंवार ने जिला प्रशासन और राजमार्ग खंड से तुरंत प्रभावी कदम उठाने की मांग की है। उनका कहना है कि यदि जल्द कार्रवाई नहीं की गई तो इसका सीधा असर चारधाम यात्रा की तैयारियों और श्रद्धालुओं की संख्या पर पड़ेगा।
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