
आइए जानते हैं कि धूम्रपान न करने वालों को भी फेफड़ों का कैंसर क्यों हो जाता है, इसके पीछे के असल कारण क्या हैं। फेफड़ों के कैंसर के धूम्रपान न करने के कारण इस प्रकार हैं -
पहला कारण
बहुत से लोग ऐसे होते हैं जो धूम्रपान नहीं करते हैं, मगर धूम्रपान करने वाले लोगों के संपर्क में आते हैं। यदि कोई आपके बगल में खड़े होकर धूम्रपान करता है और जाने-अनजाने सिगरेट के धुएं को अपने शरीर में ले लेता है, तो आपके फेफड़ों के कैंसर के विकास का जोखिम बढ़ सकता है।
दूसरा कारण
भारत में फेफड़ों के कैंसर का प्रमुख कारण वायु प्रदूषण है। WHO के अनुसार वायु प्रदूषण के कारण हर साल 18 मिलियन लोगों की मौत फेफड़ों के कैंसर से होती है। वायु प्रदूषण से फेफड़ों के कैंसर समेत कई स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं होती हैं। द लैंसेट में 2020 में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, 2019 में वायु प्रदूषण के कारण हिंदुस्तान में 1.7 मिलियन लोगों की मौत हुई।
तीसरा कारण
जीन म्यूटेशन से परिवार के सदस्यों में फेफड़ों के कैंसर का खतरा बढ़ सकता है। फेफड़े के कैंसर के कई मामलों वाले परिवारों में फेफड़ों के कैंसर का खतरा अधिक होता है।
चौथा कारण
रेडिएशन का जोखिम फेफड़ों की कोशिकाओं में डीएनए को नुकसान पहुंचा सकता है। आयनकारी विकिरण के उच्च स्तर के संपर्क में आने वाले लोगों, जैसे कि परमाणु उद्योग में काम करने वालों को भी फेफड़ों के कैंसर के विकास का खतरा होता है।
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