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धर्म डेस्क। पितरों के श्राद्ध एवं तर्पण का समय अर्थात पितृपक्ष चल रहा है। सनातन आस्था के अनुसार इस समय दिवाबगात हो चुके पूर्वज पृथ्वी लोक में आते हैं और अपने परिजनों को आशीर्वाद देते हैं। इसलिए उनके नाम से श्राद्ध-तर्पण आदि अनुष्ठान किये जाते हैं। शास्त्रोंके अनुसार पितृपक्ष में तुलसी से जुड़े कुछ सहज सरल उपाय करने से पितर प्रसन्न होते हैं और साथ में ही मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है। इन सरल उपायों से आर्थिक स्थिति सुदृढ़ होने के साथ ऋण से भी मुक्ति मिलती हैं।

उल्लेखनीय है कि सनातन धर्म परंपरा में तुलसी का पौधा सबसे पवित्र पौधा माना जाता है। तुलसी दल के बिना कोई भी अनुष्ठान नहीं होता है। घर के आँगन की तो वह शोभा है। शास्त्रों के अनुसार पितृपक्ष में पितरों की कृपा पाने के लिए उनके नाम से बने भोजन में तुलसी दल अवश्य डालें। इससे भोजन में पूरी तरह से पवित्र हो जाएगा और पितृ प्रसन्न होकर फलने-फूलने का आशीर्वाद देंगे।

इसी तरह पितृपक्ष में सोमवार, मंगलवार या बुधवार के दिन कपूर जलाकर तुलसी माता का पूजन करें। तुलसी के पौधे पास एक दिए में कपूर जलाकर रखकर दें। इससे आर्थिक स्थिति मजबूत होती है। इसी तरह पितृपक्ष में शुक्रवार को तुलसी के पौधे को चंदन अर्पित करें। तुलसी के गमले पर चंदन से स्वास्तिक बनाएं और घी का दीपक जलाएं। ऐसा करने से मां लक्ष्मी का विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है।

इसी तरह श्राद्ध के दिन तुलसी के पेड़ की जड़ निकालकर उसे एक कटोरे में रख लें। इसके बाद अपने पूर्वजों का समरण करते हुए दाएं हाथ के अंगूठे से उस जड़ पर सात बार जल अर्पित करें। इसके बाद उस जल को अपने पूरे घर में छिड़क दें। शेष पानी तुलसी के पौधे में डाल दें। इसी तरह पितृपक्ष में तुलसी की माला धारण करना चाहिए। ऐसा करने से पितर प्रसन्न होंगे और मां लक्ष्मी का वास भी घर में होगा।   

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