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Up Kiran, Digital Desk: बिहार में एनडीए की भारी जीत के बाद भी सियासी खेल थमा नहीं है। अब नजर है बहुजन समाज पार्टी के एकमात्र विधायक पर। कैमूर की रामगढ़ सीट से सिर्फ 30 वोट से जीते सतीश कुमार सिंह यादव को सत्ता पक्ष अपने पाले में लाने की पूरी कोशिश कर रहा है। बीएसपी ने इसे लेकर खुला आरोप लगाया तो पूरे राज्य की सियासत में हड़कंप मच गया। दलित और पिछड़े वोटरों के बीच यह खबर तेजी से फैल रही है कि उनकी चुनी हुई आवाज को फिर दबाने की साजिश चल रही है।

पटना में बीएसपी की इमरजेंसी मीटिंग

26 नवंबर 2025 को पटना के महाराजा कॉम्प्लेक्स में बीएसपी ने बंद कमरे में बैठक की। मायावती के भतीजे और राष्ट्रीय संयोजक आकाश आनंद खुद मौजूद रहे। उन्होंने कार्यकर्ताओं को संदेश दिया कि पार्टी का एक भी कार्यकर्ता और विधायक कोई समझौता नहीं करेगा। दल-बदल की हर कोशिश को मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा।

सतीश यादव पर डाले जा रहे डोरे

बिहार बीएसपी प्रभारी अनिल कुमार ने साफ कहा कि सत्ता पक्ष के लोग लगातार सतीश यादव से संपर्क कर रहे हैं। हर तरह का लालच और दबाव डाला जा रहा है। लेकिन हमारे विधायक मजबूत इरादों वाले हैं। वे बहुजन समाज की आवाज को बेचने नहीं वाले।

2020 का पुराना घाव फिर हरा हुआ

बीएसपी को यह डर इसलिए भी सता रहा है क्योंकि पांच साल पहले भी यही हुआ था। 2020 में चैनपुर से जीते बीएसपी विधायक मोहम्मद जमा खान ने 2021 में जेडीयू जॉइन कर लिया था। नीतीश कुमार ने उन्हें तुरंत मंत्री बना दिया था। इस बार भी जमा खान जेडीयू के टिकट पर जीते और फिर से मंत्री बन गए। वह मौजूदा सरकार में अकेले मुस्लिम चेहरा हैं। बीएसपी को लग रहा है कि इतिहास दोहराया जा सकता है।