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Up Kiran, Digital Desk: भारतीय चुनाव आयोग (ECI) ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा लगाए गए वोट चोरी के आरोपों को झूठा, ग़लत और पूरी तरह निराधार करार दिया है। चुनाव आयोग ने साफ कहा कि "कोई भी व्यक्ति ऑनलाइन वोट डिलीट नहीं कर सकता।"
राहुल गांधी का आरोप – "चुनाव आयोग लोकतंत्र को खत्म कर रहा है!"
आज हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में राहुल गांधी ने मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार पर सीधा हमला बोला और कहा कि वह "लोकतंत्र को नष्ट करने वालों का बचाव कर रहे हैं।"
गांधी का दावा है कि दलित, ओबीसी, आदिवासी और अल्पसंख्यक समुदायों के वोट सुनियोजित तरीके से हटाए जा रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि कर्नाटक के अलंद विधानसभा क्षेत्र में 6,018 वोट फर्जी तरीके से डिलीट किए गए।
उनका दावा है कि यह एक ऑटोमेटेड सॉफ़्टवेयर के ज़रिए किया गया जिसमें बाहरी मोबाइल नंबर इस्तेमाल हुए। गांधी ने कहा, "अब हमारे पास इसका 100% सबूत है।"
चुनाव आयोग का जवाब – "गांधी की ग़लतफ़हमी!"
चुनाव आयोग ने कहा कि राहुल गांधी द्वारा लगाए गए आरोप ग़लत और निराधार हैं। कोई भी वोट बिना सुनवाई के डिलीट नहीं हो सकता। यह कहना कि ऑनलाइन वोट हटाया जा सकता है, पूरी तरह ग़लतफहमी है।
हालांकि, आयोग ने 2023 में कर्नाटक के अलंद क्षेत्र में कुछ फर्जी प्रयासों की पुष्टि की है। लेकिन उन्होंने बताया कि इसकी जांच के लिए खुद ECI ने FIR दर्ज करवाई थी।
ECI ने जानकारी दी कि यह विधानसभा सीट 2018 में भाजपा और 2023 में कांग्रेस ने जीती थी। इसका वोट हटाने से कोई राजनीतिक लाभ नहीं था।
राहुल गांधी का बड़ा दावा – “18 महीने में 18 बार सीआईडी ने मांगी जानकारी”
राहुल ने आरोप लगाया कि कर्नाटक सीआईडी ने चुनाव आयोग को 18 महीनों में 18 पत्र भेजे थे, जिनमें IP एड्रेस, डिवाइस पोर्ट और OTP ट्रेल्स मांगे गए थे।
उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग ने ये डिटेल्स जानबूझकर साझा नहीं कीं क्योंकि इससे सच्चाई सामने आ जाती।