img

टीचरों की ड्यूटी विधानसभा इलेक्शन में लगाने की वजह से विद्यार्थियों की पढ़ाई बाधित हुई है। इसके विरोध में कई शिक्षक संघों ने आवाज उठाई है और टीचरों को चुनावी ड्यूटी से मुक्त करने की मांग की है। चुनावी ड्यूटी के दौरान टीचरों के स्कूल नहीं आने से छात्रों का कोर्स भी अधूरा रह गया है।

राजस्थान के एक लाख से अधिक टीचरों की ड्यूटी विधानसभा इलेक्शन में लगाए जाने के कारण स्कूली छात्रों की पढ़ाई बाधित हुई है। छात्रों को अभी भी अपने शिक्षकों के स्कूल आने का इंतजार है, पर ये इंतजार विधानसभा इलेक्शन के रिजल्ट आने के बाद ही खत्म होगा।

आपको बता दें कि स्कूलों में 11 दिसंबर से अर्द्धवार्षिक परीक्षा शुरू हो रही है। इलेक्शन नतीजे आने के बाद जब शिक्षक स्कूलों में लौटेंगे तब अर्द्धवार्षिक परीक्षा तक का कोर्स पूरा कराने और छात्रों की समस्याओं का हल कराने के लिए सिर्फ एक हफ्ता ही बचेगा, क्योंकि स्कूलों में 11 दिसंबर से अर्द्धवार्षिक परीक्षा शुरू हो रही है।

शिक्षक संघ शेखावत के प्रदेश अध्यक्ष महावीर सिहाग ने कहा कि विधानसभा इलेक्शन को लेकर मतदान संपन्न हुए हैं, ये एक अहम कार्यक्रम है, पर शिक्षण कार्य भी अहम है। अभी विधानसभा इलेक्शन में शिक्षकों की ड्यूटी लगी है जबकि अर्द्धवार्षिक परीक्षा और इसके बाद बोर्ड के एग्जाम करीब है। ऐसी स्थिति में शिक्षकों की काफी टाइम तक चुनावी ड्यूटी लगने से शिक्षण कार्य पर बुरा असर पड़ा है।