यूपी किरण डेस्क। सुप्रीम कोर्ट द्वारा आज नावी बॉन्ड स्कीम को रद्द करनेके फैसले के बाद विपक्षी कांग्रेस बीजेपी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कठघरे में खड़ी कर रही है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने गुरुवार पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि ये योजना रिश्वत और कमीशन का माध्यम थी। राहुल गांधी ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर लिखा, नरेंद्र मोदी की भ्रष्ट नीतियों का एक और सबूत आपके सामने है। बीजेपी ने इलेक्टोरल बॉन्ड को रिश्वत और कमीशन लेने का माध्यम बना दिया था। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद आज इस बात पर मुहर लग गई है।
इसी तरह कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि कांग्रेस ने हमेशा से कहा था इलेक्टोरल बॉन्ड, खारिज किए जाना चाहिए। ये बीजेपी का स्कैम था। चुनावी बांड पर पीएम, वित मंत्री और जेपी नड्डा को जवाब देना चाहिए। इसी तरह कांग्रेस नेता नेता पवन खेड़ा ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला अंधेरे में उजाले की किरण की तरह है। कांग्रेस शुरू से इलेक्टोरल बॉन्ड योजना के खिलाफ थी। उन्होंने कहा कि राजनीतिक दलों को मिले चंदे को लेकर लोगों को जानने का अधिकार है। एसबीआई अब तक की इलेक्टोरल बॉन्ड की जानकारी सार्वजनिक करे।
पवन खेड़ा ने कहा कि सुपरिक कोर्ट के फैसले के बाद आज साफ हो गया कि यह पीएम द्वारा किया गया भ्रष्टाचार है। उन्होंने कहा कि इलेक्टोरल बॉन्ड का 95 प्रतिशत अर्थात 5200 करोड़ का चंदा बीजेपी को मिला। इसके बदले बीजेपी ने उन कंपनियों को क्या दिया? खेड़ा ने कहा कि कांग्रेस को डर है सुप्रीम कोर्ट के फैसले को पलटने के लिए सरकार कोई अध्यादेश न ले आए।
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने आज अपने इस ऐतिहासिक फैसले में एसबीआई को 6 साल पुरानी योजना में दान देने वालों के नामों की जानकारी निर्वाचन आयोग को देने के आदेश दिया है। आदेश मेंकहा गया कि जानकारी में यह भी शामिल होना चाहिए कि किस तारीख को यह बॉन्ड भुनाया गया और इसकी राशि कितनी थी। पूरा विवरण 6 मार्च तक चुनाव आयोग के समक्ष पेश किया जाना चाहिए। चुनाव आयोग को एसबीआई द्वारा साझा की गई जानकारी 13 मार्च तक अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर प्रकाशित करनी चाहिए।
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