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bus fire incident: महाराष्ट्र के पुणे में एक दिल दहला देने वाली घटना ने सबको झकझोर कर रख दिया है। एक कंपनी के बस ड्राइवर ने सैलरी कटौती और दिवाली बोनस न मिलने की नाराजगी में ऐसा खौफनाक कदम उठाया कि चार जिंदगियां खत्म हो गईं।

सवेरे लगभग 7:45 बजे, पुणे के हिंजेवाड़ी इलाके में आईटी कंपनी व्योम ग्राफिक्स की मिनी बस अपने रोजमर्रा के रास्ते पर थी। आम दिनों की तरह बस में कंपनी के 14 कर्मचारी सवार थे। मगर ये आम दिन जल्द ही एक भयावह मंजर में बदल गया। बस जैसे ही विप्रो सर्कल के पास पहुंची। ड्राइवर की सीट के नीचे से आग की लपटें उठने लगीं। ड्राइवर जनार्दन हंबार्डिकर और आगे बैठे कुछ कर्मचारी तुरंत बस से कूद गए, मगर पीछे बैठे लोग आग की चपेट में आ गए। चार कर्मचारी- शंकर शिंदे (63), राजन चव्हाण (42), गुरुदास लोखरे (45), और सुभाष भोसले (44)—जलकर मर गए, जबकि छह अन्य गंभीर रूप से झुलस गए।

शुरुआत में इसे शॉर्ट सर्किट का हादसा माना गया मगर पुलिस जांच ने चौंकाने वाला खुलासा किया। पिंपरी-चिंचवड पुलिस के उपायुक्त विशाल गायकवाड़ ने बताया कि ये आग कोई दुर्घटना नहीं थी, बल्कि ड्राइवर जनार्दन हंबार्डिकर की सोची समझी साजिश थी।

जांच में सामने आया कि हंबार्डिकर ने एक दिन पहले कंपनी से एक ज्वलनशील रसायन हासिल था। उसने इसे बोतल में भरकर ड्राइवर सीट के नीचे छिपाया और बस में पुरानी चिथड़ियों को रखा, जो आमतौर पर वाहन साफ करने के लिए इस्तेमाल होती थीं। घटना वाले दिन उसने ढलान वाली सड़क पर बस को चलाते हुए माचिस जलाई और चिथड़ियों को आग के हवाले कर दिया।

हंबर्डीकर खुद आग लगने के बाद बस से कूद गया। मगर पीछे बैठे कर्मचारियों के पास भागने का कोई मौका नहीं था। आपातकालीन निकास दरवाजा खुल नहीं सका, जिसके चलते चार लोगों की जान चली गई। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज, तकनीकी सबूत और हंबार्डिकर के कबूलनामे के आधार पर उसे हिरासत में लिया है। वो खुद भी झुलस गया था और फिलहाल अस्पताल में है, जहां से ठीक होने के बाद उसे औपचारिक रूप से अरेस्ट किया जाएगा।