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Up Kiran, Digital Desk: केंद्र सरकार ने अपने कर्मचारियों के लिए एक महत्वपूर्ण और सराहनीय फैसला लिया है। अब सरकारी कर्मचारी अपने बुजुर्ग माता-पिता या परिवार के अन्य आश्रित सदस्यों की देखभाल के लिए 30 दिनों तक का विशेष अवकाश ले सकेंगे। यह निर्णय कर्मचारियों को उनके व्यक्तिगत और पारिवारिक दायित्वों को पूरा करने में मदद करने के उद्देश्य से लिया गया है, खासकर जब उनके बुजुर्ग माता-पिता को विशेष देखभाल या ध्यान की आवश्यकता हो।

यह फैसला देश में बढ़ती बुजुर्ग आबादी और पारंपरिक भारतीय पारिवारिक मूल्यों को ध्यान में रखते हुए लिया गया है, जहाँ माता-पिता की सेवा को सर्वोच्च महत्व दिया जाता है। इस नई नीति के तहत, कर्मचारी गंभीर बीमारी, सर्जरी, या ऐसी किसी भी स्थिति में अपने माता-पिता के साथ रहने और उनकी देखभाल करने के लिए यह छुट्टी ले पाएंगे, जहाँ उनकी उपस्थिति अनिवार्य हो।

इस अवकाश को 'केयरगिवर लीव' या 'विशेष पारिवारिक अवकाश' के रूप में जाना जाएगा। कर्मचारी इसे एक बार में या अलग-अलग हिस्सों में ले सकते हैं, बशर्ते कुल अवधि एक कैलेंडर वर्ष में 30 दिनों से अधिक न हो। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इस अवकाश के दौरान कर्मचारी को उनके वेतन और भत्तों का भुगतान सामान्य रूप से किया जाएगा, जिससे उन पर कोई वित्तीय बोझ नहीं पड़ेगा।

यह निर्णय सरकारी कर्मचारियों के लिए एक बड़ी राहत है, क्योंकि यह उन्हें अपने पेशेवर कर्तव्यों और पारिवारिक जिम्मेदारियों के बीच संतुलन बनाने में मदद करेगा। यह कर्मचारियों के कल्याण के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को भी दर्शाता है और उन्हें यह विश्वास दिलाता है कि विपरीत परिस्थितियों में उनका कार्यस्थल उनके साथ खड़ा है। 

विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसे कदम कर्मचारियों के मनोबल को बढ़ाते हैं और उन्हें अपने कार्यस्थल के प्रति अधिक समर्पित बनाते हैं, जिससे उत्पादकता और दक्षता में भी सुधार होता है।

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