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Up Kiran, Digital Desk: बर्मिंघम के एजबेस्टन मैदान पर जारी भारत-इंग्लैंड टेस्ट सीरीज का दूसरा मुकाबला अब अपने अंतिम चरण में है। पांचवें दिन इंग्लैंड टीम के सामने भारी चुनौती है—608 रनों के विशाल लक्ष्य का पीछा करना, जबकि उसके पास मात्र सात विकेट बचें हैं। भारतीय बल्लेबाजों ने शानदार प्रदर्शन करते हुए पहले ही दिन यह कठिन लक्ष्य सेट कर दिया था, जिसमें शुभमन गिल की विस्मयकारी पारियों का बड़ा योगदान रहा।
जबकि चौथे दिन के अंत तक भारत ने तीन महत्वपूर्ण विकेट भी हासिल किए, इंग्लैंड की टीम अभी भी जीत की उम्मीद से भरी है। लेकिन कई विशेषज्ञों और दर्शकों के बीच यह बहस चल रही है कि क्या मेजबान टीम को जीत के लिए आक्रामकता दिखानी चाहिए या फिर सुरक्षित खेलते हुए मैच को ड्रा पर खत्म करने की कोशिश करनी चाहिए।
इस पर इंग्लैंड के सहायक कोच मार्कस ट्रेस्कोथिक ने साफ तौर पर संकेत दिए हैं कि टीम केवल ड्रा के लिए खेलने का इरादा नहीं रखती। उन्होंने कहा कि उनकी टीम चुनौतीपूर्ण लक्ष्य को स्वीकार करते हुए जीत की पूरी कोशिश करेगी और नाटक से दूर रहकर मैच को खुलकर खेलने की मानसिकता रखती है।
ट्रेस्कोथिक ने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि गेंद के नरम होने तक इंग्लैंड के पास कुछ ओवर अभी भी बचे हैं, जिनका वे रणनीतिक उपयोग कर सकते हैं। उनका मानना है कि जब गेंद थोड़ा धीमी और कमजोर हो जाएगी, तब टीम अपनी बल्लेबाजी योजना पर गहराई से सोचकर अंतिम दिन के रन पीछा की दिशा तय करेगी।
यह रणनीति इंग्लैंड की एक अलग सोच को दर्शाती है, जो पारंपरिक सुरक्षित खेल से हटकर निर्णायक और आक्रामक कदम उठाने की ओर इशारा करती है। साथ ही यह दर्शाती है कि टीम प्रबंधन और खिलाड़ियों में आत्मविश्वास है कि वे बड़ी चुनौती को स्वीकार कर जीत की ओर बढ़ सकते हैं।
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