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Up Kiran, Digital Desk: यूक्रेन और रूस के बीच चल रहे संघर्ष में एक बड़ा और खतरनाक मोड़ आ गया है। यूरोप के कुछ देशों ने यूक्रेन को अब रूस के अंदरूनी इलाकों पर सीधे हमले करने की हरी झंडी दे दी है। यह फैसला ऐसे समय में आया है जब रूस ने चेतावनी दी है कि अगर उसकी धरती पर पश्चिमी हथियारों से हमला होता है, तो वह इसका कड़ा जवाब देगा, जिससे वैश्विक तनाव काफी बढ़ गया है।

यूरोपीय संघ (EU) ने रूस पर पहले ही कई कड़े प्रतिबंध लगाए हुए हैं, जिनका मकसद रूस की युद्ध अर्थव्यवस्था को कमजोर करना है। इन प्रतिबंधों में ऊर्जा, वित्त और व्यापार पर लगाम शामिल है। लेकिन अब, बात इससे कहीं आगे निकल गई है। फ्रांस और जर्मनी जैसे कुछ प्रमुख यूरोपीय देशों ने यूक्रेन को लंबी दूरी के हथियार मुहैया कराए हैं और अब उन्हें इन हथियारों का इस्तेमाल रूसी सीमा के भीतर सैन्य ठिकानों या सप्लाई लाइनों पर करने की भी अनुमति दे दी है।

यह नया फैसला अब इस गंभीर सवाल को जन्म दे रहा है कि क्या यूरोप जानबूझकर NATO (उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन) को रूस के साथ सीधे सैन्य टकराव में घसीट रहा है? NATO लगातार इस बात पर जोर देता रहा है कि वह यूक्रेन युद्ध में सीधा पक्षकार नहीं है, और उसका मकसद संघर्ष को व्यापक होने से रोकना है। लेकिन उसके सदस्य देशों द्वारा यूक्रेन को हथियारों की आपूर्ति और अब रूस पर हमलों की मंजूरी देना, उसकी 'तटस्थता' पर सवाल उठाता है।

रूस ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि वह अपनी सुरक्षा के लिए किसी भी खतरे का जवाब देने के लिए तैयार है। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कई बार पश्चिमी देशों को चेतावनी दी है कि अगर वे 'रेड लाइन' पार करते हैं, तो इसके गंभीर परिणाम होंगे, जिनमें परमाणु हथियारों के इस्तेमाल की संभावना भी शामिल है। ऐसे में यूरोप का यह कदम आग में घी डालने जैसा है, जिससे युद्ध के और भी भड़कने का खतरा पैदा हो गया है।

अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर इस फैसले की कड़ी प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। कुछ विशेषज्ञ इसे युद्ध को समाप्त करने का एक तरीका मानते हैं, जबकि अधिकांश इसे एक खतरनाक वृद्धि मानते हैं जो संघर्ष को यूक्रेन की सीमा से बाहर खींच सकती है। भविष्य में क्या होगा, यह कहना मुश्किल है, लेकिन यह साफ है कि यूक्रेन संघर्ष अब एक बेहद नाजुक मोड़ पर खड़ा है, जहां एक छोटी सी गलती भी बड़े विनाश का कारण बन सकती है। पूरी दुनिया इस पर अपनी निगाहें गड़ाए हुए है।

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