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Up Kiran, Digital Desk: बिहार की सरकार ने राज्य के आर्थिक विकास और वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। राज्य सरकार ने 15 जिला सहकारी बैंकों और 144 प्रखंडों में नई शाखाएं खोलने का प्रस्ताव रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) को भेजा है। इस कदम से न केवल राज्य में बैंकिंग सेवाओं का दायरा बढ़ेगा बल्कि ग्रामीण इलाकों में वित्तीय सेवाओं तक पहुंच भी आसान होगी।

सहकारी बैंकों का दायरा बढ़ाने की योजना

बिहार में अभी 23 जिलों में सहकारी बैंक कार्य कर रहे हैं लेकिन अब सरकार का लक्ष्य इन बैंकों की पहुंच को राज्य के हर कोने तक पहुंचाना है। सहकारिता मंत्री डॉ. प्रेम कुमार ने इस फैसले की जानकारी दी और कहा कि अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष के अवसर पर राज्य के हर गांव तक सहकारी बैंक की सेवाएं उपलब्ध होंगी। इसके साथ ही सरकार एक लाख लोगों को स्वयं सहायता समूह (SHG) और संयुक्त देयता समूह (JLG) से जोड़कर लोन दिलाएगी जिससे लोगों को आर्थिक सहायता मिल सकेगी।

मई में विशेष बैंकिंग अभियान का आगाज

सहकारिता मंत्री डॉ. प्रेम कुमार ने बताया कि मई महीने में विशेष बैंकिंग अभियान चलाया जाएगा। इस अभियान का उद्देश्य सहकारी बैंकों में वित्तीय समावेशन जागरूकता और बैंकिंग सेवाओं को बढ़ावा देना है। उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि सभी शाखा प्रबंधकों और प्रबंध निदेशकों को इस अभियान को सही तरीके से चलाने के लिए आवश्यक कदम उठाने होंगे। अब तक 1123 स्थानों पर सहकारिता जागरूकता वित्तीय समावेशन और बैंकिंग सेवा से जुड़ी गतिविधियां आयोजित की जा चुकी हैं।

ग्रामीण क्षेत्रों में सहकारी समितियों की बढ़ती संख्या

राज्य सरकार का ध्यान विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों की ओर है। डॉ. प्रेम कुमार ने बताया कि 470 प्रखंडों में समितियां बनाई जा चुकी हैं और 805 पंचायतों में सेवाएं पहुंचाई गई हैं। साथ ही ग्रामीण इलाकों में 14 माइक्रो एटीएम भी बांटे गए हैं। इन सुविधाओं का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में बैंकिंग सेवाओं की पहुंच को बढ़ाना और लोगों को वित्तीय साधनों से जोड़ना है।

वेजफेड से किसानों को मिलेगा लाभ

राज्य सरकार ने किसानों के लिए भी एक महत्वपूर्ण पहल की है। वेजफेड (Vegetable Federation) के तहत समितियों का गठन तेजी से किया जा रहा है। डॉ. प्रेम कुमार ने बताया कि इससे किसानों को अपनी सब्जियां बेचने के लिए बेहतर बाजार मिलेगा और वे अपनी उपज का उचित मूल्य प्राप्त कर सकेंगे। इसके अलावा प्रखंड स्तर पर समितियों को कोल्ड स्टोरेज और गोदाम बनाने के लिए सरकार अनुदान भी प्रदान कर रही है। अब तक 64 जगहों पर इन सुविधाओं के निर्माण की मंजूरी दी जा चुकी है जो किसानों की मदद करेगा।

बैंकिंग सेवाओं से आर्थिक स्थिति में सुधार
इस योजना का मुख्य उद्देश्य बिहार के लोगों को बेहतर बैंकिंग सुविधाएं उपलब्ध कराना और उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार लाना है। सरकार की यह पहल न केवल राज्य के आर्थिक विकास में सहायक साबित होगी बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों के लिए एक सशक्त वित्तीय आधार भी तैयार करेगी।

 

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