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Up Kiran, Digital Desk: आंध्र प्रदेश में, एक अत्यंत महत्वपूर्ण रेल खंड पर बढ़ते दबाव को कम करने और भविष्य की जरूरतों को पूरा करने के लिए दुव्वाडा (विशाखापत्तनम के पास) से निडाडवोलू (राजामहेंद्रवरम के पास) तक की लगभग 155 किलोमीटर लंबी रेल लाइन को चौगुना (quadruple) करने की पुरजोर मांग उठ रही है।

यह खंड पूर्व तट रेलवे के विजयवाड़ा मंडल के अंतर्गत आता है और देश के सबसे व्यस्ततम रेल मार्गों में से एक, चेन्नई-हावड़ा मुख्य लाइन का एक अभिन्न हिस्सा है। वर्तमान में, यह एक दोहरी (double) लाइन है, लेकिन इस पर यात्री ट्रेनों और मालगाड़ियों दोनों का भारी दबाव है।

भारी यातायात के कारण, इस खंड पर अक्सर भीड़भाड़ (congestion) रहती है, जिससे ट्रेनों की गति धीमी हो जाती है और समय पर आवागमन बाधित होता है, जिसके परिणामस्वरूप अक्सर विलंब (delays) होता है। इस भीड़भाड़ के कारण, रेलवे के लिए इस मार्ग पर नई ट्रेनें चलाना या मौजूदा ट्रेनों की संख्या बढ़ाना बेहद मुश्किल हो गया है, जिससे यात्रियों और माल ढुलाई दोनों को असुविधा होती है।

रेल उपयोगकर्ता संघों, स्थानीय प्रतिनिधियों और संबंधित नागरिकों का मानना है कि इस लाइन को चौगुना करना ही इस समस्या का स्थायी समाधान है। उनका कहना है कि चौगुनीकरण से लाइन की क्षमता में महत्वपूर्ण वृद्धि होगी। इससे यात्री और मालगाड़ियों के लिए अलग-अलग लाइनें उपलब्ध हो सकेंगी, जिससे उनका आवागमन अधिक सुगम, तेज और कुशल होगा।

लाइन चौगुनी होने से न केवल विलंब कम होगा, बल्कि ट्रेनों की औसत गति भी बढ़ेगी। यह भविष्य में अपेक्षित यातायात वृद्धि को संभालने के लिए भी आवश्यक है। यह मांग रेल मंत्रालय और माननीय रेल मंत्री से की गई है, जिसमें इस महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा परियोजना को प्राथमिकता देने का आग्रह किया गया है।

दुव्वाडा-निडाडवोलू खंड का चौगुनीकरण न केवल इस क्षेत्र के लिए, बल्कि पूरे पूर्वी तटीय गलियारे पर रेल परिचालन की समग्र दक्षता और विश्वसनीयता के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होगा।

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