
Up Kiran, Digital Desk: विश्व कूटनीति के गलियारों से एक बड़ी और महत्वपूर्ण खबर सामने आई है! भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने आज (15 जुलाई, 2025) चीन की राजधानी बीजिंग में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात की। यह मुलाकात ऐसे समय में हुई है जब दोनों देशों के बीच संबंधों को लेकर लगातार बातचीत और समझदारी की जरूरत महसूस की जा रही है। इस उच्च स्तरीय बैठक में विदेश मंत्री ने भारत-चीन द्विपक्षीय संबंधों की मौजूदा स्थिति पर चीनी राष्ट्रपति को विस्तृत जानकारी दी।
यह मुलाकात दोनों देशों के बीच संबंधों को सामान्य बनाने और आपसी समझ को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है। भले ही दोनों देशों के बीच सीमा विवाद और अन्य भू-राजनीतिक मुद्दों को लेकर कुछ चुनौतियां मौजूद हैं, लेकिन ऐसे उच्च स्तरीय संवाद यह दर्शाते हैं कि दोनों पक्ष बातचीत के माध्यम से समाधान खोजने और संबंधों में स्थिरता बनाए रखने के इच्छुक हैं।
क्या हुई चर्चा? सूत्रों के अनुसार, बैठक के दौरान विदेश मंत्री जयशंकर ने भारत और चीन के बीच विभिन्न मुद्दों, जिसमें व्यापार, आर्थिक सहयोग, क्षेत्रीय सुरक्षा और सीमा प्रबंधन जैसे संवेदनशील विषय शामिल हैं, पर भारत के दृष्टिकोण को स्पष्ट किया। उन्होंने संभवतः आपसी विश्वास बढ़ाने और लंबित मुद्दों को हल करने के तरीकों पर भी चर्चा की होगी।
मुलाकात का महत्व: यह बैठक इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह दुनिया की दो सबसे बड़ी आबादी वाले देशों और तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं के बीच शीर्ष नेतृत्व के स्तर पर सीधा संवाद है। इस तरह की मुलाकातें दोनों देशों को अपने मतभेदों को प्रबंधित करने और उन क्षेत्रों में सहयोग के अवसरों का पता लगाने में मदद करती हैं जहां दोनों के हित समान हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसे राजनयिक प्रयासों से भविष्य में दोनों देशों के बीच रिश्तों में एक नई सकारात्मक गति आ सकती है, जो न केवल भारत और चीन के लिए, बल्कि पूरे एशिया और वैश्विक स्थिरता के लिए भी महत्वपूर्ण है। यह मुलाकात दर्शाती है कि चुनौतियों के बावजूद, संवाद का रास्ता हमेशा खुला रहता है।
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