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Up Kiran, Digital Desk: तरनतारन के खेमकरण अंतर्गत गाँव ठट्ठा में अपने परिवार का पेट पालने के लिए भूसे की ट्रॉली पर काम करने गया एक गरीब मजदूर रास्ते में गिर गया और उसकी कमर में चोट लग गई, जिससे वह चलने-फिरने में असमर्थ हो गया। इलाज के दौरान गरीब मजदूर का घर भी बिक गया। अब घर के हालात ऐसे हैं कि रोटी-पानी की तंगी में भी यह गरीब मजदूर आखिरकार अपने भाई के घर में रहने को मजबूर है।
सुरजीत सिंह की रीढ़ की हड्डी में चोट
एक महीने से बिस्तर पर पड़े इलाज से जूझ रहे इस गरीब मजदूर ने समाजसेवियों से इलाज करवाने की गुहार लगाई है। इस संबंध में जानकारी देते हुए पीड़ित गरीब मजदूर सुरजीत सिंह की पत्नी कुलविंदर कौर ने बताया कि उनके पति सुरजीत सिंह रोजाना की तरह भूसे की ट्रॉली पर काम करने गए थे। इसी दौरान रास्ते में उनका एक्सीडेंट हो गया और वह अचानक गिर पड़े, जिससे उनकी रीढ़ की हड्डी में गहरी चोट लग गई और वह चलने-फिरने में असमर्थ हो गए।
उन्होंने बताया कि इलाज कराते-कराते उनके पास रहने लायक जो घर था, वो भी बिक गया। उन्होंने बताया कि उनकी दो बेटियाँ हैं और वो भी छोटी हैं, जिनका अपने माता-पिता के अलावा कोई नहीं है और अब सुरजीत सिंह के बिस्तर पर होने से घर रोटी की तंग हो गई है। न खाने को रोटी है और न ही घर में पैसे।
परिवार ने दानदाताओं से गुहार लगाई
पीड़ित महिला ने बताया कि दया के आधार पर उसका देवर उसे गाँव ठट्ठा स्थित अपने घर ले आया है, लेकिन बाहर रहकर वो कब तक गुज़ारा कर पाएगी? उसने बताया कि उसका पति एक महीने से बिना इलाज और दवाइयों के बिस्तर पर तड़प रहा है, लेकिन पारिवारिक मजबूरियों के कारण वो इलाज नहीं करवा पा रहा है। सुरजीत सिंह ने समाजसेवियों से भी तहे दिल से गुहार लगाई है कि वो उसके इलाज में मदद करें ताकि वो अपनी बेटियों की परवरिश कर सके और घर जाकर अपने परिवार के लिए रोज़ी-रोटी कमा सके। उसे और कुछ नहीं चाहिए।