
हाल ही में रिलीज हुई फिल्म ‘माँ’ (Maa) एक हॉरर और पौराणिकता से जुड़ी कहानी है, जिसमें काजोल मुख्य भूमिका में नजर आती हैं। यह फिल्म बंगाल की पृष्ठभूमि पर आधारित है और इसमें पारंपरिक लोककथाओं और रीति-रिवाजों को एक डरावने अंदाज़ में पेश किया गया है।
फिल्म की कहानी एक ऐसी महिला की है, जो अपनी खोई हुई संतान की तलाश में असामान्य और डरावनी घटनाओं का सामना करती है। काजोल का अभिनय बहुत ही प्रभावशाली है। उन्होंने एक मां के दर्द, संघर्ष और साहस को बड़ी सच्चाई और गहराई से निभाया है। उनका किरदार फिल्म की रीढ़ है और उन्होंने अकेले ही फिल्म को मजबूत बना रखा है।
फिल्म की कहानी में बंगाल की लोक परंपराओं और देवी-पूजा की गूढ़ता को बखूबी दिखाया गया है। डरावने दृश्यों के साथ-साथ फिल्म भावनात्मक रूप से भी दर्शकों को बांधती है। बैकग्राउंड म्यूज़िक और सिनेमैटोग्राफी फिल्म को और भी रहस्यमय बनाते हैं।
हालांकि कुछ जगहों पर कहानी थोड़ी धीमी महसूस होती है और क्लाइमैक्स और भी प्रभावशाली हो सकता था, लेकिन काजोल की शानदार परफॉर्मेंस इसे संतुलित कर देती है।
कुल मिलाकर, ‘माँ’ एक अलग तरह की हॉरर फिल्म है, जो डर के साथ-साथ मां के प्यार और त्याग को भी दर्शाती है। यदि आप पौराणिक कहानियों और इमोशनल हॉरर फिल्मों के शौकीन हैं, तो यह फिल्म देखने लायक है।
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