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Up Kiran, Digital Desk: वो आखिरी ओवर, वो आखिरी गेंद और उसके बाद खुशी के आंसू... सालों का इंतजार खत्म हुआ! भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने वो कर दिखाया है जिसका सपना हर भारतीय क्रिकेट फैन दशकों से देख रहा था। कप्तान स्मृति मंधाना की टीम ने ढाका में खेले गए रोमांचक फाइनल मुकाबले में दक्षिण अफ्रीका को 4 रनों से हराकर पहली बार टी20 वर्ल्ड कप का खिताब अपने नाम कर लिया है।

यह सिर्फ एक जीत नहीं, बल्कि एक ऐतिहासिक लम्हा है। 41 साल पहले कपिल देव की टीम ने जब पुरुषों का पहला वर्ल्ड कप जीता था, तब से लेकर आज तक भारत ने कई ऊंचाइयां छुईं, लेकिन महिला क्रिकेट में यह सबसे बड़ी ट्रॉफी हमेशा दूर रही। आज, इन लड़कियों ने उस सूखे को खत्म कर दिया है।

सांसें रोक देने वाला फाइनल मुकाबला

मैच का रोमांच आखिरी गेंद तक बना रहा। भारत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए कप्तान स्मृति मंधाना की शानदार 49 रनों की पारी की बदौलत एक सम्मानजनक स्कोर खड़ा किया। लेकिन असली कहानी दूसरी पारी में लिखी गई।

लक्ष्य का पीछा करते हुए दक्षिण अफ्रीका ने शानदार शुरुआत की और एक समय ऐसा लग रहा था कि मैच भारत के हाथ से फिसल जाएगा। लेकिन फिर भारतीय गेंदबाजों ने वापसी की। दीप्ति शर्मा ने एक ही ओवर में दो विकेट लेकर मैच का रुख पलट दिया। आखिरी ओवर में दक्षिण अफ्रीका को जीत के लिए 11 रनों की जरूरत थी। सोफी एक्लेस्टोन ने गेंदबाजी की कमान संभाली और एक-एक गेंद के साथ दर्शकों की धड़कनें बढ़ती रहीं।

आखिरी गेंद पर दक्षिण अफ्रीका को जीत के लिए 6 रनों की जरूरत थी, लेकिन बल्लेबाज सिर्फ एक रन ही बना सकी और भारत ने 4 रनों से यह ऐतिहासिक मुकाबला जीत लिया।

जीत के बाद भावुक हुए खिलाड़ी

जैसे ही आखिरी गेंद फेंकी गई, पूरा स्टेडियम खुशी से झूम उठा। भारतीय खिलाड़ी एक-दूसरे के गले लगकर रोने लगीं। यह खुशी के आंसू थे, कड़ी मेहनत के आंसू थे और सालों के इंतजार के खत्म होने के आंसू थे। कप्तान स्मृति मंधाना ने तिरंगा ओढ़कर पूरे मैदान का चक्कर लगाया। टीम ने अपनी यह जीत भारतीय क्रिकेट की दिग्गजों, मिताली राज और झूलन गोस्वामी को समर्पित की, जो इस ऐतिहासिक पल की गवाह बनने के लिए मैदान पर मौजूद थीं।

यह जीत भारतीय महिला क्रिकेट के लिए एक नए युग की शुरुआत है। यह उन लाखों लड़कियों को प्रेरित करेगी जो बल्ला और गेंद थामने का सपना देखती हैं। आज हर भारतीय को अपनी इन बेटियों पर गर्व है!