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Up Kiran, Digital Desk: आंध्र प्रदेश के महत्वपूर्ण श्रीशैलम बांध से संबंधित एक नई रिपोर्ट सामने आई है। जानकारी के अनुसार, इस समय श्रीशैलम में बाढ़ का प्रवाह (flood flow) कम हो गया है, जबकि बांध से पानी का उच्च बहिर्वाह (high outflow) अभी भी जारी है। यह स्थिति क्षेत्र के किसानों और जल प्रबंधन से जुड़े अधिकारियों के लिए चिंता का विषय बन सकती है।

श्रीशैलम बांध, जो कृष्णा नदी पर स्थित है, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना दोनों राज्यों के लिए पीने के पानी, सिंचाई और बिजली उत्पादन का एक महत्वपूर्ण स्रोत है। बांध का जल स्तर और इनफ्लो-आउटफ्लो का संतुलन क्षेत्र की कृषि और बिजली आपूर्ति के लिए महत्वपूर्ण है।

वर्तमान स्थिति का विश्लेषण:

कम इनफ्लो: 'लो फ्लड फ्लो' का मतलब है कि बांध में ऊपरी जलग्र्रहण क्षेत्रों (catchment areas) से आने वाले पानी की मात्रा में कमी आई है। यह मॉनसून की गतिविधि में कमी या ऊपरी बांधों में पानी के भंडारण के कारण हो सकता है।

उच्च बहिर्वाह: इसके बावजूद, बांध से पानी का 'उच्च बहिर्वाह' जारी है। यह बहिर्वाह बिजली उत्पादन के लिए, या निचले क्षेत्रों में सिंचाई की जरूरतों को पूरा करने के लिए, या बांध के प्रबंधन के लिए हो सकता है।

संभावित प्रभाव: यदि इनफ्लो कम रहता है और आउटफ्लो अधिक रहता है, तो बांध का जल स्तर धीरे-धीरे गिर सकता है। लंबी अवधि में यह स्थिति निचले इलाकों में सिंचाई के लिए पानी की उपलब्धता और बिजली उत्पादन को प्रभावित कर सकती है। यह उन किसानों के लिए चिंता का विषय है जो अपनी फसलों के लिए श्रीशैलम के पानी पर निर्भर हैं।

जल संसाधन विभाग और संबंधित अधिकारियों को इनफ्लो और आउटफ्लो की स्थिति पर बारीकी से नज़र रखनी होगी ताकि बांध के जल स्तर को कुशलतापूर्वक प्रबंधित किया जा सके और दोनों राज्यों की आवश्यकताओं को संतुलित किया जा सके। मॉनसून के दौरान इस तरह के उतार-चढ़ाव आम हैं, लेकिन दीर्घकालिक रुझान भविष्य की जल उपलब्धता के लिए महत्वपूर्ण होते हैं।

किसानों और अन्य हितधारकों को सलाह दी जाती है कि वे आधिकारिक जल स्तर और प्रवाह की रिपोर्टों पर ध्यान दें ताकि वे अपनी कृषि गतिविधियों की योजना बना सकें।

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