
Up Kiran, Digital Desk: चीन के उत्तरी हिस्सों में पिछले कई दिनों से भारी बारिश हो रही है, जिसने रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। इस बारिश के कारण नदियां उफान पर हैं और कई जगहों पर अचानक बाढ़ आ गई है। बीजिंग, हेबेई प्रांत और पड़ोसी क्षेत्रों में सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। सड़कें बह गई हैं, पुल ध्वस्त हो गए हैं और संचार व्यवस्था ठप पड़ गई है, जिससे बचाव कार्यों में बाधा आ रही है।
बीजिंग में बढ़ती मरने वालों की संख्या: चीन के सरकारी मीडिया के अनुसार, बीजिंग में बाढ़ से मरने वालों की संख्या अब 34 तक पहुंच गई है, जबकि कई लोग अभी भी लापता बताए जा रहे हैं। बचाव दल लापता लोगों की तलाश में युद्धस्तर पर जुटे हुए हैं। अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि मरने वालों की संख्या और बढ़ सकती है क्योंकि कई प्रभावित इलाकों तक अभी भी पूरी तरह से पहुंच नहीं बन पाई है।
बड़े पैमाने पर लोगों का स्थानांतरण: बाढ़ की गंभीरता को देखते हुए, बीजिंग और उसके आसपास के इलाकों से 80,000 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित किया गया है। इन लोगों को अस्थायी आश्रयों में रखा गया है और उन्हें भोजन, पानी और चिकित्सा सहायता जैसी बुनियादी सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं। यह चीन के हाल के इतिहास में सबसे बड़े स्थानांतरण अभियानों में से एक है।
बुनियादी ढांचे को भारी नुकसान: बाढ़ के कारण कृषि भूमि को भारी नुकसान हुआ है, जिससे फसलों को बड़ा झटका लगा है। हजारों घर तबाह हो गए हैं या आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गए हैं। बिजली और पानी की आपूर्ति भी बाधित हुई है, जिससे लोगों को काफी परेशानी हो रही है। बुनियादी ढांचे की मरम्मत और पुनर्निर्माण में लंबा समय और भारी धन लगेगा।
चीन सरकार स्थिति से निपटने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने अधिकारियों को राहत और बचाव कार्यों में तेजी लाने और प्रभावित लोगों को हर संभव सहायता प्रदान करने का निर्देश दिया है। यह घटना जलवायु परिवर्तन के बढ़ते प्रभावों और चरम मौसम की घटनाओं की बढ़ती आवृत्ति की याद दिलाती है।
--Advertisement--