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Up Kiran, Digital Desk: भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने इंग्लैंड के खिलाफ पांच मैचों की टी20 श्रृंखला के तीसरे मुकाबले में भले ही जीत न दर्ज कर पाई हो, लेकिन उसने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के इतिहास में एक ऐसा कीर्तिमान स्थापित किया है जो अब तक किसी भी पुरुष या महिला टीम के खाते में नहीं था। क्रिकेट के मैदान पर इस मुकाबले ने रोमांच, रिकॉर्ड और रनों की त्रिवेणी पेश की, जिसे लंबे समय तक याद रखा जाएगा।
रिकॉर्ड जो पहले कभी नहीं बना
केनिंग्टन ओवल में खेले गए इस मैच में भारत ने एक ऐसा कारनामा कर दिखाया जो पहले किसी भी टीम ने नहीं किया था केवल 25 गेंदों में 9 विकेट गिराकर। यह उपलब्धि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के किसी भी प्रारूप में एक विश्व रिकॉर्ड बन गई।
15वें ओवर की समाप्ति पर इंग्लैंड का स्कोर 136 रन बिना किसी नुकसान के था और ऐसा लग रहा था कि मेजबान टीम 200 से ऊपर का स्कोर बना सकती है। लेकिन इसके बाद भारतीय गेंदबाजों ने जो कहर बरपाया, उसने मैच की तस्वीर ही बदल दी।
दीप्ति और अरुंधति की घातक गेंदबाज़ी
इंग्लिश ओपनर्स सोफिया डंकले (75 रन) और डेनियल व्याट-हॉज की साझेदारी ने शुरुआत में भारत को बैकफुट पर ला दिया था। लेकिन 16वें ओवर की दूसरी गेंद पर दीप्ति शर्मा ने डंकले को कैच एंड बोल्ड कर भारत को पहली सफलता दिलाई। इसके बाद जो हुआ वह किसी स्क्रिप्टेड थ्रिलर से कम नहीं था।
दीप्ति शर्मा और अरुंधति रेड्डी ने मिलकर तीन-तीन विकेट झटके और इंग्लैंड की पारी 171/9 पर थम गई। खास बात यह रही कि इन नौ विकेटों में से सात कैच आउट रहे, जो भारतीय क्षेत्ररक्षण की तारीफ के काबिल था।
जीत से चूकी टीम इंडिया, आखिरी ओवर में छूटा मौका
इतिहास रचने के बाद बारी थी लक्ष्य का पीछा करने की। 172 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए भारत ने शानदार शुरुआत की। स्मृति मंधाना और शेफाली वर्मा की सलामी जोड़ी ने लय बनाई। बीच के ओवरों में जेमिमा रोड्रिग्स और कप्तान हरमनप्रीत कौर ने भी उपयोगी पारियां खेलीं, जिससे मैच आखिरी ओवर तक पहुंच गया।
आखिरी ओवर में भारत को 12 रन की जरूरत थी, लेकिन इंग्लैंड की तेज़ गेंदबाज़ लॉरेन बेल ने संयम बनाए रखा। आखिरी गेंद पर जब छह रन की दरकार थी, तब हरमनप्रीत कौर की एक ऊंची शॉट इंग्लिश फील्डर के हाथों में समा गई और भारत सिर्फ 5 रन से मुकाबला हार गया।
सीरीज बनी दिलचस्प
तीन मैचों के बाद इंग्लैंड ने सीरीज को 2-1 पर जिंदा रखा है। भारत के पास इस मैच को जीतकर सीरीज अपने नाम करने का सुनहरा मौका था, लेकिन इंग्लैंड की अंतिम ओवरों की रणनीति और सटीक गेंदबाज़ी ने उनके इरादों पर पानी फेर दिया।
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