Up Kiran, Digital Desk: पश्चिम बंगाल की राजनीति से जुड़ी एक दिलचस्प खबर सामने आ रही है. अगर पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी विधानसभा के आगामी शीतकालीन सत्र में भाग लेने आते हैं, तो उन्हें 'स्वतंत्र विधायक' की तरह ही देखा जाएगा, न कि तृणमूल कांग्रेस (TMC) के सदस्य के तौर पर. यह फैसला उनके भ्रष्टाचार के आरोपों में गिरफ्तार होने और उसके बाद टीएमसी से निलंबित किए जाने के चलते लिया गया है.
आखिर क्यों किया जाएगा उन्हें स्वतंत्र विधायक जैसा व्यवहार?
दरअसल, जुलाई 2022 में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने पार्थ चटर्जी को कथित शिक्षक भर्ती घोटाले में गिरफ्तार किया था. इस मामले में करीब 50 करोड़ रुपये नकद और सोने की बरामदगी हुई थी, जिसका संबंध उनकी सहयोगी अर्पिता मुखर्जी से था. गिरफ्तारी के तुरंत बाद, तृणमूल कांग्रेस ने उन्हें मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर दिया और पार्टी से अनिश्चित काल के लिए निलंबित भी कर दिया. टीएमसी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने तब कहा था कि अगर पार्थ निर्दोष साबित होते हैं, तो उन्हें वापस पार्टी में लिया जा सकता है
विधानसभा अध्यक्ष बिमान बनर्जी ने स्पष्ट किया है कि भले ही पार्थ चटर्जी अब विधायक हैं लेकिन चूंकि उन्हें अपनी पार्टी (टीएमसी) से निलंबित कर दिया गया है, इसलिए वे टीएमसी के विधायकों के लिए आरक्षित जगह पर नहीं बैठ पाएंगेउन्हें सत्तारूढ़ दल (ट्रेजरी) और विपक्ष की बेंचों के बीच कहीं जगह दी जाएगी.पहले उन्हें जो एक अलग कमरा मिला था, वह भी उन्हें नहीं दिया जाएगा अगर वह सत्र में कोई सवाल उठाना या किसी बहस में भाग लेना चाहेंगे, तो उन्हें अन्य विधायकों की तरह ही अवसर दिया जाएगा
पार्थ चटर्जी ने भी हाल ही में कहा था कि वह आगामी शीतकालीन सत्र में शामिल होना चाहते हैं और बहस में भी भाग लेंगे. उन्होंने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को भी एक पत्र लिखा था, जिसमें उन्होंने अपने निलंबन के पीछे पार्टी के संविधान के किस प्रावधान का इस्तेमाल किया गया, इस पर सवाल उठाया था वह अभी भी खुद को ममता बनर्जी के नेतृत्व में मानते हैं, लेकिन अपने सवालों के जवाब चाहते हैं.
यह घटनाक्रम दर्शाता है कि भले ही कोई नेता कितने भी कद्दावर क्यों न रहा हो, लेकिन पार्टी के नियमों और छवि का महत्व सर्वोपरि होता है. पार्थ चटर्जी पश्चिम बंगाल में शिक्षा मंत्री और टीएमसी के महासचिव जैसे महत्वपूर्ण पदों पर रह चुके हैं और 2001 से लगातार पांच बार विधायक चुने गए हैं. लेकिन इन सब के बावजूद, आरोपों के चलते पार्टी ने उनसे दूरी बना ली है




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