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Up Kiran, Digital Desk: बिहार के सीतामढ़ी जिले में स्थित पुनौरा धाम, जिसे माता सीता की जन्मस्थली माना जाता है, एक ऐतिहासिक क्षण का साक्षी बनने जा रहा है। लंबे समय से प्रतीक्षित भव्य जानकी मंदिर के निर्माण की आधारशिला मंगलवार, 8 अगस्त को रखी जाएगी। यह सिर्फ एक मंदिर का निर्माण नहीं, बल्कि पुनौरा धाम को काशी और अयोध्या की तर्ज पर एक प्रमुख वैश्विक तीर्थस्थल के रूप में विकसित करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। इसका उद्देश्य मिथिला की गौरवशाली संस्कृति और विरासत को पुनर्जीवित करना भी है।

भव्य शिलान्यास समारोह और गणमान्य व्यक्तियों की संभावित उपस्थिति:

इस महत्वपूर्ण अवसर पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह समेत कई गणमान्य व्यक्तियों के उपस्थित रहने की संभावना है। उनकी मौजूदगी इस परियोजना के महत्व को और बढ़ा देती है, जो मिथिलांचल और पूरे देश के श्रद्धालुओं के लिए एक बड़े सपने के साकार होने जैसा है।

दशकों पुरानी मांग का साकार रूप: इस शिलान्यास को लेकर स्थानीय लोगों और श्रद्धालुओं में गजब का उत्साह है। यह उनकी दशकों पुरानी मांग का साकार रूप है, जिसे लेकर उन्होंने लगातार संघर्ष किया था। उनका मानना है कि यह मिथिला के मान-सम्मान को एक नई ऊंचाई देगा और इस पवित्र भूमि को उसका वास्तविक गौरव लौटाएगा। माता सीता के जन्म से जुड़ी यह पावन भूमि अब विश्व पटल पर और भी भव्यता से उभरेगी।

पौराणिक महत्व और रामायण सर्किट से जुड़ाव: पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, यहीं पर राजा जनक के हल की नोक से धरती फटकर माता सीता प्रकट हुई थीं। यह स्थान रामायण सर्किट का एक अभिन्न अंग है और करोड़ों रामभक्तों की आस्था का केंद्र है। पुनौरा धाम का यह कायाकल्प न केवल धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देगा, बल्कि सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने और आने वाली पीढ़ियों को अपनी जड़ों से जोड़ने में भी सहायक होगा।

पुनौरा धाम के विकास की व्यापक योजना: भव्य मंदिर के साथ-साथ, पुनौरा धाम में श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए आधुनिक सुविधाओं का विकास किया जाएगा। इसमें यात्री निवास, भोजनालय, पार्किंग स्थल, और सुंदर उद्यानों का निर्माण शामिल है। इसका लक्ष्य एक ऐसा आध्यात्मिक केंद्र बनाना है जो न केवल धार्मिक महत्व रखता हो, बल्कि पर्यटन और स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा दे। 

जिला प्रशासन और मिथिला विकास परिषद मिलकर इस परियोजना को साकार करने में लगे हैं। यह एक सपना है जो अब हकीकत बनने जा रहा है, जिससे सीतामढ़ी और पूरे मिथिला क्षेत्र के लिए एक नया अध्याय लिखा जाएगा।

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