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Up Kiran, Digital Desk: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए सियासी पार्टियों के बीच सीटों के बंटवारे को लेकर चर्चा जोर पकड़ गई है। महागठबंधन और NDA दोनों के प्रमुख नेता लगातार बैठक कर रहे हैं। कई दलों की नाराजगी के चलते गठबंधन में तनाव की खबरें भी सामने आ रही हैं।
भाजपा के नित्यानंद राय आज दिल्ली में लोजपा (रालोद) प्रमुख चिराग पासवान से सीट बंटवारे पर चर्चा कर सकते हैं। वहीं, राजद ने अपनी संसदीय बोर्ड की बैठक शुक्रवार को पटना में राबड़ी देवी के आवास पर आयोजित करने का निर्णय लिया है। यह बैठक पहले स्थगित की गई थी, लेकिन अब इसे महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
बिहार के 243 विधानसभा क्षेत्रों में चुनाव 6 और 11 नवंबर को दो चरणों में होंगे। मतगणना 14 नवंबर को होगी।
बिहार के राजनीतिक इतिहास में कई ऐसे उपमुख्यमंत्री रहे हैं, जिन्होंने राज्य के विकास और राजनीति में गहरी छाप छोड़ी है।
अनुग्रह नारायण सिन्हा बिहार के पहले उपमुख्यमंत्री थे, जिन्होंने 1946 से 1957 तक यह पद संभाला। वे स्वतंत्रता संग्राम के महत्वपूर्ण नेता और राजेंद्र प्रसाद के करीबी सहयोगी रहे।
कर्पूरी ठाकुर का नाम बिहार के राजनीतिक इतिहास में खास स्थान रखता है। वे उपमुख्यमंत्री से मुख्यमंत्री बने और पिछड़ों के मसीहा के तौर पर जाने गए। उन्होंने 1967-68 तक उपमुख्यमंत्री और बाद में मुख्यमंत्री पद संभाला।
जगदेव प्रसाद का कार्यकाल भले ही छोटा था, पर उनका "पचास में पचास" का नारा और सामाजिक न्याय के लिए उनका संघर्ष यादगार है।
राम जयपाल सिंह यादव कांग्रेस के दौर के उपमुख्यमंत्री रहे, जबकि सुशील कुमार मोदी ने सबसे लंबे समय तक भाजपा की सरकारों में उपमुख्यमंत्री का पद संभाला।
राजद के तेजस्वी यादव ने सबसे कम उम्र में उपमुख्यमंत्री का पद संभाला।
बिहार में 2020 के बाद दो उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद और रेणु देवी ने एक साथ काम किया। वर्तमान में भी दो उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा नीतीश कुमार के नेतृत्व में सरकार चला रहे हैं।